उड़ीसा में लोक अदालतों की मक़बूलियत में इज़ाफ़ा

कटक, ०६ जनवरी: (पी टी आई) उड़ीसा में लोक अदालतों को मक़बूलियत हासिल होती जा रही है क्योंकि इंसाफ़ के इस मुतबादिल नताम से उन के लिए फ़ौरी तौर पर फ़ैसलों इंसाफ़ का हुसूल आसान होगया है। उड़ीसा स्टेट लीगल सर्वीसेस अथॉरीटी (OSLSA) से दस्तयाब आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ 3682 लोक अदालतों में अब तक 2.3 लाख मुआमलात की यकसूई की गई।

ये अदालतें 2011-ए-के दौरान रियासत के तमाम इलाक़ों में क़ायम की गई थीं। OSLSA की जानिब से जारी करदा आदाद-ओ-शुमार में सब से ज़्यादा हौसला अफ़ज़ा-ए-बात ये हीका लोक अदालतों ने फ़ौजदारी के ज़ाइद अज़ एक लाख मुआमलात की भी यकसूई की है जबकि आम तौर पर फ़ौजदारी मुआमलात की समाअत का सिलसिला कई बरसों तक जारी रहता है।

यकसाँ तौर पर आदाद-ओ-शुमार में ये भी बताया गया है कि रीवैन्यू से मुताल्लिक़ एक लाख मुआमलात की यकसूई भी अमल में आई है जो लोक अदालतों की तारीख़ में एक नया रिकार्ड है क्योंकि लोक अदालतों का क़ियाम ज़्यादा पुराना नहीं ही। ये अदालतें 1997-ए-में क़ायम की गई थीं।

ज़राए ने बताया कि उड़ीसा में लोक अदालतों का सब से अहम पहलू ये है कि इस के ज़रीया मुतास्सिरा दावेदारों या दरख़ास्त गुज़ारों को फ़ौरी तौर पर मुआवज़ा की अदायगी की राह हमवार होजाती है वर्ना इंसाफ़ का हुसूल इतना तवील हो जाता है कि कभी कभी मुल्ज़िम और मुतास्सिरीन दोनों ही इस दार फ़ानी से कूच कर जाते हैं।