ऊंची क़ीमतें मज़ीद ( और) तीन माह बरक़रार

आम आदमी को ऊंची क़ीमतों के साथ मज़ीद दो या तीन माह तक निबाह करना होगा क्योंकि तवक़्क़ो ( उम्मीद) है कि इफ़रात-ए-ज़र सिर्फ़ सितम्बर से ही इन्हितात पज़ीर होगा ( कमी होगी)।

हिंदूस्तान के मआशी मुशीर आला कोशक बासू ने आज कहा कि वज़ारत फायनेंस के आदाद-ओ-शुमार और तवक़्क़ुआत के बमूजब ( मुताबिक) इफ़रात-ए-ज़र (सितम्बर) से 7 फ़ीसद (%) से कम हो जाएगा। वो एक सेमीनार से ख़िताब कर रहे थे।