एकनाथ खडसे को क्लीन चिट, लोकायुक्त ने कहा दाऊद से सम्पर्क का कोई सबूत नहीं

महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को राज्य के लोकायुक्त से बड़ी राहत मिली है। मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कथित रिश्तों और जमीन सौदा घोटाला के आरोपों की वजह से देवेंद्र फड़नवीस सरकार से इस्तीफा देने वाले खडसे को पीए रिश्वत कांड में साफ सुथरा करार दिया गया है।

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राज्य लोकायुक्त जस्टिस एमएल तहलियानी ने खडसे को उनके पीए गजानन पाटिल रिश्वत कांड से बरी करते हुए क्लीन चिट दी। लोकायुक्त ने इस बारे में पूर्व मंत्री के खिलाफ की गई शिकायत को भी खारिज कर दिया। फैसले में कहा गया है कि पीए की ओर से रिश्वत मांगने के मामले में पूर्व मंत्री की कोई भूमिका नहीं है।

गौरतलब है कि खड़से के पीए गजानन पाटिल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बीते महीने राज्य सचिवालय (मंत्रालय) के बाहर गिरफ्तार किया था। मुंबई के एक कारोबारी रमेश जाधव से जमीन आवंटन के एक मामले में 30 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी हुई है।

कारोबारी जाधव ने इसमें पूर्व मंत्री खडसे का हाथ होने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी। राज्य मंत्रिमंडल से खडसे के इस्तीफा देने के एक सप्ताह पहले 27 मई को लोकायुक्त ने इस मामले की सुनवाई की। जस्टिस तहलियानी ने शिकायत करने वाले रमेश जाधव और एसीबी के अधिकारियों का पक्ष सुनने के बाद उसी दिन अपना फैसला भी सुना दिया था।

जस्टिस तहलियानी ने अपने फैसले में कहा, ‘शिकायतकर्ता जाधव और गजानन पाटिल के बीच हुई बातचीत की कम से कम 12 रिकॉर्डिंग की गई है. उनमें से किसी से भी इस बात के संकेत नहीं मिलते हैं कि राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे या उनके किसी भी स्टाफ का रिश्वत मांगने के मामले से कोई संबंध है। लिहाजा यह मामला खत्म किया जाता है।