एकुम अप्रैल से तमाम जुमरों में बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा

हैदराबाद 31 मार्च: आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रैगूलेटरी कमीशन ( ए पी ई आर सी ) ने आज मुख़्तलिफ़ ज़मरों के लिए बर्क़ी शरहों में इज़ाफे को मंज़ूरी देदी है ।

इस इज़ाफे के नतीजे में रियासत भर में बर्क़ी सारफ़ीन को बर्क़ी शरहों पर 6,173 करोड़ रुपये का इज़ाफ़ी बोझ बर्दाश्त करना पड़ेगा। रियासत में तक़रीबन तमाम अपोज़ीशन जमातों ने बर्क़ी शरहों में इज़ाफे की शदीद मुख़ालिफ़त की है । ए पी ई आर सी की तरफसे साल 2013 – 14 के लिए नई बर्क़ी शरहों को मंज़ूरी दीदी गई है जिन पर एकुम अप्रैल से अमल आवरी होगी ।

नई शरहों के मुताबिक़ लो टेनशन जुमरा के सारफ़ीन को अब फ़ी यूनिट 58 पैसे इज़ाफ़ी अदा करने होंगे जबके हाई टेनशन ज़मुरा के सारफ़ीन को फ़ी यूनिट 1.12 रुपये इज़ाफ़ी अदा करने होंगे ।

तमाम अपोज़ीशन जमातों ने हुकूमत पर ज़ोर दिया था कि वो इस मसले में मुदाख़िलत करते हुए बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा को रोकने के लिए इक़दामात करे ।

आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रीसिटी रैगूलेटरी कमीशन ने घरेलू सारफ़ीन के लिए ज़मुरा बंदियों में भी इज़ाफ़ा करते हुए उन्हें छः से बढ़ा कर 1- करदिया है जिस के नतीजे में सारफ़ीन पर बोझ भी बट जाएगा। इसी तरह कमर्शियल और सनअती बर्क़ी इस्तिमाल कुनुन्दगान के ज़मरों में भी इज़ाफ़ा किया गया है ।

ज़रई शोबा के लिए सारफ़ीन में किसी तरह की तबदीली नहीं की गई है और हुकूमत का कहना है कि वो किसानों को मुफ़्त बर्क़ी सरबराही के अह्द की पाबंद है जिस के लिए उसे 5,480 करोड़ रुपये की सबसिडी अदा करनी पड़ रही है ।

चार बर्क़ी डिस्कॉमस ( पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ) ने साल 2013 – 14 के लिए जुमला 40,639 करोड़ रुपये मालिया की ज़रूरत ज़ाहिर की थी जबके जुमला तवानाई की ज़रूरत 89,845 मिलियन यूनिट की ज़ाहिर की गई है । ये तख़मीना जुमला नुक़्सानात को ज़हन में रखते हुए तैयार किया गया था ।

ए पी ई आर सी ने जुमला बर्क़ी में 77,410 मिलियन यूनिट्स बर्क़ी की फ़रोख़त की इजाज़त देदी है जिस के नतीजे में डिस्कॉमस को 28,996 करोड़ रुपये हासिल होंगे । बर्क़ी शरहों में इंतेख़ाबी साल के दौरान इज़ाफे के मसले पर हुए एहतिजाज और हंगामा आराई को देखते हुए समझा जा रहा है कि कांग्रेस हुकूमत ख़ुद को इस बोहरान से बाहर निकालने के रास्ते तलाश कर रही है । वो अवाम की नाराज़गी और ग़ैज़-ओ-ग़ज़ब से बचना चाहती है ।

एक का बीनी सब कमेटी इमकान है कि ए पी ई आर सी की तरफ से मुक़र्रर करदा शरहों का जायज़ा लेगी और ये सिफ़ारिश करेगी कि मुख़्तलिफ़ ज़मरों के सारफ़ीन के लिए कम अज़ कम जुज़वी राहत ज़रूर पहोनचाई जाये ।

सरकारी ज़राए ने ये बात बताई और कहा कि का बीनी सब कमेटी जलद ही कोई राय पेश करसकती है ।