एक्टिविस्ट मर्डर मामला: पुलिस ने कहा ‘नमो ब्रिगेड’ के संपर्क में हैं हत्यारे

कर्नाटक: मेंगलूरु में हुए आरटीआई एक्टिविस्ट विनायक बलिगा के कत्ल के मामले में पुलिस ने नमो ब्रिगेड के संस्थापक नरेश शेनॉय को अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया है और कहा है कि नमो ब्रिगेड का संस्थापक नरेश शेनॉय लगातार कातिलों से संपर्क बनाये हुए है और इस केस में उसकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए।

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पुलिस ने कहा है कि पकडे गए तीनों हत्यारों के बयानों से और नरेश शेनॉय के कॉल डिटेल्स से यह साफ़ होता है कि क़त्ल के पीछे शेनॉय का हाथ है। घटनास्थल पर शेनॉय की टोयोटा क्वालिस गाड़ी का होना भी इसी बात की तरफ इशारा करता है।इसके अलावा पुलिस की तरफ से पकड़े गए हत्यारे जिन्होंने बलिगा का क़त्ल करने की बात कुबूली है भी नरेश शेनॉय के यहाँ ही नौकरी करते हैं।

आपको बता दें कि मार्च के महीने में 51 साल के एक आरटीआई एक्टिविस्ट विनायक बलिगा की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। पुलिस की छानबीन में पता चला कि बलिगा काफी वक़्त से आरटीआई के जरिये जानकारी हासिल कर मेंगलूरु के वेंकटरमण मंदिर में दिए जाने दान की हेराफेरी का भंडाफोड़ करने वाला था। नमो ब्रिगेड का संस्थापक नरेश शेनॉय इसी बात से परेशान था जो विनायक बलिगा की हत्या की वजह हो सकती है।