क़ाहिरा 29 अक्टूबर (राइटर्स) मिस्र में जासूसी के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार शूदा एक अमरीकी इसराईली शहरी की रिहाई के बदले इसराईल से रहा होने वाले 25 मिस्री क़ैदी तिल अबीब से मिस्र पहुंच गए और क़ाहिरा से इसराईली जासूस को रिहाई के बाद तिल अबीब रवाना कर दिया गया।
27 साला एलान गिरा पुल को जून के दौरान मिस्र में गिरफ़्तार किया गया था, जिस पर हसनी मुबारक को माज़ूल करने केलिए भड़क उठने वाली इन्क़िलाबी तहरीक पर नज़र रखने केलिए एजैंटों की भर्ती करने का इल्ज़ाम आइद किया गया था, लेकिन इसराईल ने ये इल्ज़ाम की तरदीद की थी। बाद अज़ां तए शूदा एक समझौते के तहत इसराईल ने इस नौजवान की रिहाई के इव्ज़ अपनी जेलों में महरूस 25 मिस्री क़ैदीयों को रिहा करने से इत्तिफ़ाक़ कर लिया था।
कई मिस्री क़ैदी अपनी रिहाई पर फ़र्त मुसर्रत के साथ बारगाह ख़ुदावंदी में सजदा रेज़ होगए और वहां से ख़ुसूसी बसों के ज़रीया ताबा सरहद पार करते हुए अपने वतन पहुंच गए, जहां पुरजोश मुंतज़िर रिश्तेदारों ने इन क़ैदीयों का पुरतपाक इस्तिक़बाल करते हुए कहा कि आप अपने सर बुलंद रखे, आप मिस्री हैं।
सरहद के इस पार सुर्ख़, सफ़ैद और स्याह रंगों पर मुश्तमिल मिस्री क़ौमी पर्चम लहराते हुए देखे गए। मर्सी बरकात ने कहा कि मैं 2005-ए-से इसराईली जेल में था।
अल्लाह का शुक्र हीका रहा होचुका हूँ। मुझे ये रिहाई अपना नया जन्म महसूस होती ही। मर्सी ने कहा कि जेल में इंतिहाई सख़्त सुलूक किया जा रहा था और वाज़िह तौरपर ये इमतियाज़ी सुलूक था।
दूसरे क़ैदी रबीया सुलेमान ने कहा कि वो मुनश्शियात के इल्ज़ामात के तहत 4 साल से इसराईली जेल में क़ैद था , जिस से बार बार यही सवाल पूछा जा रहा था कि वो घर वापसी के बाद क्या करना चाहता हैं। मर्सी ने कहा कि वो एक नई मुलाज़मत तलाश कर लेंगे।