एक औरत का खत

गाँव में एक औरत रहा करती थी। उसका शौहर शहर में काम करता था। वह अपने शौहर को खत लिखना चाहती थी, लेकिन कम पढ़ी लिखी होने की वज्ह से उसे यह पता नहीं था कि Full Stop कहाँ लगेगा; इसीलिए उसका जहाँ मन करता था, वहीं Full Stop लगा देती थी।

एक बार उसने अपने शौहर को कुछ इस तरह चिट्ठी लिखी:

`मेरे प्यारे जीवनसाथी मेरा सलाम।
आप ने अभी तक चिट्ठी नहीं लिखी मेरी सहेली को। नौकरी मिल गयी है हमारी गाय को। बछड़ा दिया है दादाजी ने। शराब की लत लगा ली है मैंने। तुमको बहुत खत लिखे पर तुम नहीं आये कुत्ते के बच्चे। भेड़िया खा गया दो महीने का राशन। छुट्टी पर आते वक्त़ ले आना एक खूबसूरत औरत। मेरी सहेली बन गई है और टीवी पर गाना गा रही है हमारी बकरी। बेच दी गयी है तुम्हारी माँ। तुमको बहुत याद कर रही है एक पड़ोसन। हमें बहुत तंग करती है।

तुम्हारी चंदा।