एक तिहाई हिंदूस्तानी शहरी मआशी तौर पर मुतास्सिर

इफ़रात-ए-ज़र की बढ़ती शरह और मआशी सुस्त रवी के असरात हिंदूस्तानी शहरीयों पर नुमायां होने लगे हैं । गल्प सर्वे के मुताबिक़ तक़रीबन 240 मिलीयन हिंदूस्तानी अवाम यानी 31 फ़ीसद पर मआशी कसादबाज़ारी के रास्त असरात मुरत्तिब हुए हैं ।

सर्वे में बताया गया है कि 73 फ़ीसद ने ये शिकायत की है कि सरकारी मह्कमाजात में करप्शन सराएत कर गया है । बताया जाता है कि हिंदूस्तानी मईशत में हालिया चंद माह से मुसलसल गिरावट देखी जा रही है । इसके रास्त असरात अवाम पर मुरत्तिब हो रहे हैं ।

इफ़रात-ए-ज़र के इलावा शरह सूद में इज़ाफ़ा की वजह से कई कंपनीयोंने अपने प्रोजेक्ट्स मुल्तवी या किसी और मुक़ाम मुंतक़िल कर दिए हैं।