इस साल जनवरी में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने ऑपरेशन ओलिव ब्रांच का शुभारम्भ कर सीरिया के अफरीन में सैन्य अभियान जारी किया था जिसमे कई सारे आतंकियों का तुर्की के सैनिकों द्वारा सफाया किया गया था यह सैन्य अभियान मानबिज तक चलाया गया था।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान इन दिनों तुर्की में आने वाले चुनावों में व्यस्त हैं, रविवार को इस्तांबुल में हजारों समर्थकों के सामने बोलते हुए, एर्दोगान ने अगले महीने के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों को तुर्की के लिए “मील का पत्थर” बताया। उन्होंने वचन दिया कि देश “वैश्विक शक्ति के रूप में आगे बढेगा।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगान ने सीरिया और इराक की बॉर्डर पर कुर्द आतंकियों के खिलाफ नए सैन्य अभियान करने का वादा किया है।
एर्दोगान ने 2016 में सीरिया और अफरीन हमले के लिए क्रॉस बॉर्डर हमले के संदर्भ में कहा की “नए कार्यकाल में, तुर्की यूफ्रेट्स शील्ड और ओलिव ब्रांच में नए ऑपरेशन जोड़ेगा और तब तक सैन्य अभियान जारी रखेगा जब तक एक भी आतंकवादी खत्म नहीं हो जाता. जब तक एक भी आतंकवाद खत्म नहीं हो जाता।
गार्डियन के अनुसार चुनाव बेहद जरूरी हैं क्योंकि वे तुर्की की शासी व्यवस्था को एक कार्यकारी प्रेसीडेंसी में बदल देंगे, एक संवैधानिक परिवर्तन जो पिछले साल जनमत संग्रह में कम से कम अनुमोदित था।
परिवर्तनों के हिस्से के रूप में, प्रधान मंत्री का कार्यालय समाप्त कर दिया जाएगा और इसकी शक्तियों को बड़े पैमाने पर राष्ट्रपति को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
गार्डियन के अनुसार एर्दोगान ने कम ब्याज दरों का वादा जनता से किया है। उन्होंने कहा कि तुर्की ने यूरोपीय संघ की सदस्यता के अपने लक्ष्य को कभी नहीं छोड़ा था।
साभार- ‘world news Arabia’