अदाकार इरफान खान का मानना है कि जानी-मानी शख्सियतें भी इस मुल्क का हिस्सा हैं और उन्हें कौमी मुद्दों पर अपनी राय रखने का हक़ है। इरफान, असहिष्णुता (इंटॉलरेंनस) के बहस में शामिल होने वाले नये सितारे हैं और उन्होंने कहा है कि मजबूत और ताकतवर समाज के लिए किसी एक का मुंह बंद करना कोई हेल्थ फूल इशारा नहीं है। बुधवार रात यहां पर एनडीटीवी इंडिया के इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह काफी अजीब लगता है जब कुछ लोग कहते हैं कि अभिनेताओं को अभिनय करना चाहिए और उन्हें मुद्दों पर अपनी राय जाहिर नहीं करना चाहिए। हर किसी को अपने दिमाग से बोलने और चिंता जाहिर करने का हक़ है। अगर आप चुप रहने के लिए कहते हैं तब यह एक मजबूत और बेहतर समाज के लिए अच्छा इशारे नहीं है।
इरफान का मानना है कि राय जाहिर करना जातिगत रुख होता है और अगर कोई अपना राय जाहिर नहीं करता है तो यह अच्छा है। उन्होंने कहा, यह एक जातिगत मामला है। कुछ लोगों को प्रतिक्रिया जाहिर करने की आदत होती है जबकि कुछ लोगों में नहीं होती है।