नई दिल्ली: नबीरह आला हजरत मौलाना तौक़ीर रज़ा खान ने हाल ही में दारुल उलूम देवबंद का दौरा किया था यह कोई साधारण घटना नहीं है, देवबंदी और बरिलयों के बीच लंबे समय से मतभेद हैं।
फिर अचानक ऐसा क्या हो गया, जो यह दोनों एक साथ आ गए। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों समुदायों को लाने के पीछे ‘एक मां के आंसू हैं। मौलाना तौक़ीर रज़ा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ‘हमारे बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है। अब समय आ गया है कि ऐसे लोगों से लड़ा जाए जो मुस्लिम युवकों को जेल की सलाखों के पीछे डाल रहे हैं।
गौरतलब है कि मौलाना ‘तौक़ीर रज़ा’ ‘बरेलवी मूवमेंट’ के संस्थापक और मौलाना अहमद रज़ा खान अलैहिर्रहमा के पोते हैं। मौलाना तौक़ीर रज़ा ने कहा, ‘मालेगांव को देखिए। हमारे लड़कों को सज़ा दी जा रही है यहां तक कि दशकों तक परीक्षण के लिए जेल में रखा गया और छोड़ दिया गया तब तक उनका भविष्य बर्बाद हो गया। अच्छा मुसलमान या बुरा मुसलमान जैसी कोई बात नहीं है, इसके खिलाफ एकजुट होने का समय है। हम सरकार की दोहरी नीति के शिकार हैं। मौलाना ने कहा कि वह एक माँ के आंसुओं के कारण देवबंद पहुंचे। गौरतलब है कि हाल ही में शाकिर अंसारी को बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
जानकारी के अनुसार, मई की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने 13 मुस्लिम युवकों को हिरासत में लिया था बाद में पुलिस ने 10 युवाओं को सबूतों के अभाव की बिना पर रिहा कर दिया जबकि साजिद, समीर अहमद और शाकिर अंसारी को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद मौलाना तौक़ीर रज़ा खान ने शाकिर के परिजनों से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि वे दोनों पंथों के बीच एक आम न्यूनतम एजेंडा रखने पर काम कर रहे हैं।