पुलिस का अगरचे ये दावा है कि माक़ूलीयत पसंद नरेंद्र दाभोलकर के क़तल की तहक़ीक़ात दरुस्त राह पर है, लेकिन 20 अगस्ट को दिन धाड़े पेश आई वारदात का कोई ठोस सुराग़ इस वाक़िये के एक माह बाद भी बज़ाहिर सामने नहीं आया है, जिस ने महाराष्ट्र में तरक़्क़ी पसंद समाजी तहरीक को झटका दिया है। गुज़िश्ता चंद दिनों में रियासत भर में एहतेजाजी जुलूसों और धरनों ने अवामी ग़म-ओ-ग़ुस्सा को पेश किया है जबकि जिहदकारों और दाभोलकर के हामीयों ने अपनी बरहमी का इज़हार किया और तहक़ीक़ात की रफ़्तार पर मायूसी ज़ाहिर की, जो अमलन एक माह गुज़र जाने के बाद भी सिफ़र मालूम होती है।
क़ौम के ज़मीर को झिंझोड़ देने वाले इस क़तल के तहक़ीक़ाती ओहदेदार अस्सिटैंट कमिशनर आफ़ पुलिस (क्राईम) राजेंद्र भामबरे ने कहा कि उनकी टीमें ज़रूरी सुरागों को हासिल करने के अमल में हैं और तहक़ीक़ात सही सिम्त में है। इस केस में काफ़ी मालूमात और डाटा पुलिस ने जमा कर लिया है और अब इस केस को हल करने के लिए तशकील शूदा 19 स्पैशल टीम से महसला मालूमात से ज़रूरी सुरागों का पता चला के अमल में हैं।
लंदन का एक लयाब धुँदले सी सी टी वी फूटेज की जांच कर रहा है ताकि क़ातिल जय की तस्वीरों को वाज़िह किया जा सके। ये एक क़रीबी बिल्डिंग में नसब केमरों का फूटेज है, जबकि इस वीडियो क्लिप की जांच से यहां पुलिस के टकनीशन कुछ भी ठोस मवाद हासिल करने में नाकाम रहे। लंदन से रिपोर्ट का इंतिज़ार है।