एक मुस्लिम अधिकारी के लिए दारुल उलम देवबंद से ‘फतवा’

दारुल उलम देवबंद : इंडियन एयरफोर्स (IAF) के लिए काम कर रहे एक मुस्लिम अधिकारी ने एयरफोर्स में काम करने वाले एक मुस्लिम शख्स ने मदरसे को खत लिखकर राय मांगी थी। , ‘मैंने उस उम्र में एयरफोर्स ज्वाइन किया था जब मेरी दाढ़ी नहीं आई थी। अब मैं दाढ़ी रखना चाहता हूं लेकिन एयरफोर्स इसकी इजाजत नहीं देता। मुझे रोज शेव करके जाना पड़ता है। ऐसे में मेरे पास दो रास्ते हैं। या तो मैं बिना किसी सुविधा का फायदा उठाए नौकरी छोड़ दूं या फिर रोज शेव करता रहूं। कृपया मुझे बताएं कि क्या करना सही रहेगा। क्या मुझे नौकरी छोड़ देनी चाहिए ?’

वेबसाइट पर मदरसे की तरफ से लिखा गया, ‘अगर तुम्हारी आर्थिक स्थिति मजबूत है और तुम नौकरी छोड़ने पर भी घर चला सकते हो तो फिर बिना सोचा नौकरी छोड़ दो। लेकिन अगर आय का दूसरा साधन नहीं है तो फिर काम करते रहो और अपने आपको माफ करने के लिए अल्लाह से दुआ करते रहो। साथ-साथ अपने लायक कोई दूसरी नौकरी भी ढूंढ लो।’ इसके आगे लिखा गया कि एयरफोर्स के नियमों के मुताबिक दाढ़ी रखने पर कोई पाबंदी नहीं है। बताया गया कि भारत के संविधान में भी अपने धर्म के रिवाजों को मानने की आजादी है। कहा गया कि सीनियर फिर भी नहीं मानते तो फिर उस अधिकारी को कोर्ट जाना चाहिए। बातचीत में दारुल उलम के वाइस चांसलर मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि उनकी तरफ से ही ऐसी सलाह दी गई थी। हालांकि, उन्होंने ज्यादा बातचीत नहीं की।

इसमें कहा गया है कि अगर एयरफोर्स में काम करने के लिए उसे दाढ़ी बढ़ाने नहीं दी जारी तो उसको नौकरी जल्द से जल्द छोड़ देनी चाहिए। साथ ही नई नौकरी ढूंढने तक उसे जितनी बार भी शेव करनी पड़े उतनी बार अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए। यह फतवा दारुल उलम देवबंद मदरसे की तरफ से जारी किया गया है। दरअसल,