एक साथ तीन तलाक ग़लत और हराम है, इसका बहिष्कार करें: मौलाना सैयद जफरयाब हैदर

एक साथ तीन तलाक ग़लत और हराम है, इसका बहिष्कार करें: मौलाना सैयद जफरयाब हैदर

लखनऊ। हैदराबाद के इमाम-ए-जुमा मौलाना सैयद जफरयाब हैदर ने एक साथ तीन तलाक कहने का मुसलमानों से बहिष्कार करने का आह्वान किया है। उन्होंने इसे ग़लत और हराम करार देते हुए कहा कि बिन गवाह, बिन रुजू के तीन तलाक सही नहीं है।
मौलाना सैयद जफरयाब हैदर लखनऊ के दुबग्गा के मदरसा अबुतालिब के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस मौके के पर देश-विदेश के उलेमा भी मौजूद थे। समारोह को संबोधित करते हुए मौलाना जफरयाब हैदर ने कहा कि वैसे तो एक बार में तलाक कहने से तलाक हो जाता है, पर तीन तलाक की इस लिए व्यवस्था है कि सोचने समझने का मौका मिल जाए। एक बार में तीन तलाक कहकर छोड़ना हराम है।
इस मौके पर शिया के चर्चित धर्म गुरु डॉक्टर कल्बे सादिक ने कहा कि मौजूद वक्त में शिक्षा और इल्म के दरवाजे मजबूती से थामे रखना जरुरी है। मुरादाबाद के सूफी उलेमा सज्जादानशीन हबीबुल रहमान ने कहा कि अहलेबैत की सीरत पर अमल से ही मुसलमान बुराइयों से पाक रह सकता है। तीन तलाक के बारे में उन्होंने कहा कि तीन तलक देने से पहले इसके कंटेंट को समझना जरुरी है। तीन तलाक महिला का सीधा उत्पीड़न है।
इस मसले पर कुवैत के सांसद सालेह अहमद आशूर ने कहा कि बिना इल्म के मुसलमान तीन तलाक में उलझा हुआ है। तीन तलाक एक बार में नहीं दिया जा सकता। ऐसा करना ग़लत और हराम है।
बढ़ते आतंकवाद और तीन तलाक के मसले पर इराक के शेख मोहम्मद अब्बास, कुवैत के अल हुसैन खलील अल ईद, सालिम नज्म, नासिर यूसुफ कमाल ने भी अपनी राय रखी। इस मसले पर बोलते हुए एक मौलाना ने तलाक की बड़ी वजह चट मंगनी पट ब्याह को बताई। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में की गई शादी में अक्सर तलाक की नोबत आ जाती है। जबकि मौलाना सैफ अब्बासी का कहना था कि शादी में झूठ का सहारा लेना भी तलाक का बड़ा कारण बन रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि इनदिनों तीन तलाक का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। मुसलमान का शिया समुदाय एक साथ तीन तलाक का विरोध कर रहा है।

यूपी से मलिक असग़र हाशमी