एक से अधिक बार हज या उमरा करने पर भरना होगा टैक्स, उलमा ने हराम करार दिया

लखनऊ।अगले महीने से सऊदी सरकार एक से अधिक बार हज या उमरा करने पर भारी भरकम टैक्स लगाने जा रही है। इसका उल्लंघन करते पकड़े जानेपर सजा -ए-मौत का भी ओरवधान है। मगर भारत में इसका विरोध शुरू हो गया है। बरेलवी उलमाओं ने तो एक फतवे का हवाला देते हुए इसे इस्लाम विरुद्ध करार दे दिया है। उन्होंने कहा कि एक से अधिक बार हज या उमरा पर किसी तरह का रोड़ा अटकाना हराम है।
बता दें कि 2 अक्टूबर से सऊदी सरकार अपने यहां एक से ज्यादा बार हज या उमरा करने वालों पर टैक्स लगाने जा रही है। इसके लिए कानून बनाकर लागू भी कर दिया गया । एक से ज्यादा बार हज या उमरा करने के लिए वहां आने वालों से 2000 रियल यानी भारतीय मुद्रा के हिसाब से 35000 रूपये वसूले जाएंगे। सऊदी हुकूमत ने 1946 में भी एक से अधिक बार हज या उमरा करने वालों पर टैक्स थोपने की कोशिश की थी। मगर तब मुफ़्ती आजम हिंद हजरत मुस्तफा रज़ा खान ने इसे गौर इस्लामिक ठहराते हुए इसके विरुद्ध फतवा जारी कर दिया था। मगर उक्त फतवे को दरकिनार कर इसे 2 अक्टूबर से फिर लागू किया जा रहा है।

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बरेलवी के उलेमा का कहना है कि कानून वापसी तक इसका विरोध किया जाएगा। मौलाना शहाबुद्दीन ने बताया कि 1946 में जब सऊदी सरकार ने पहली बार ऐसी कोशिश की थी तो फतवा जारी कर कहा गया था कि हज इबादत है इसपर टैक्स लगाना हराम है। नाबीरे आला हजरत मौलाना सिराज रज़ा खान ने बताया कि टैक्स के खिलाफ आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान फ़ाज़िल बरेलवी के छोटे साहबज़ादे मुफ़्ती आजम-ए-हिंद हज़रत मुस्तफा रज़ा खान ने 1946 में सऊदी अरब में रहकर फतवा जारी किया था। जिसके बाद वहां की हुकुमत ने अपना आदेश वापस ले लिया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि विरोध और फतवे का हवाला देने पर सऊदी हुकूमत अपना नया कानून वापस ले लेगी।

यूपी से हाशमी