एक ज़नख़ा ( हिजड़ा) की वजह से बी जे पी को शिकस्त

अयोध्या में बी जे पी को बदतरीन हज़ीमत की असल वजह एक ज़नख़ा (हिजड़ा) है। बिन्दू नामी ज़नख़ा ने आज़ाद उम्मीदवार की हैसियत से मुक़ाबला करते हुए बी जे पी को शिकस्त फ़ाश से दो-चार कर दिया। आज़ाद उम्मीदवार गुलशन उर्फ़ बिन्दू ने अयोध्या असेंबली हलक़ा में बी जे पी को नुक़्सान पहुंचाने के लिए मुक़ाबला किया और इस ने 22,023 वोट हासिल करते हुए चौथा मुक़ाम हासिल किया।

6 डसमबर 1992 को बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद पहली मर्तबा बी जे पी शिकस्त से दो-चार हुई है। बी जे पी उम्मीदवार लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेज नारायण पांडे ने नाकाम बनाया। पांडे ने अयोध्या की नशिस्त पर 5,405 वोटों की अक्सरीयत से कामयाबी हासिल की है।

पांडे को जुमला 55,262 वोट मिले जबकि बी जे पी उम्मीदवार लल्लू सिंह को 49,857 वोट हासिल हुए। चौथे मुक़ाम पर बिन्दू को 22,023 वोट हासिल हुए । जबकि कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह को सिर्फ 9,710 वोट ही मिले।