अहमदाबाद [सीयासत न्युज ब्युरो]। मर्कजी सरकार ने चाहे देश में पडाई का कानून ला दिया हो लेकिन सूरत के एक गांव में एचआईवी से मुतास्सीर तलबा को आम तलबा के साथ पढ़ाने को लेकर इलाके के लोगो में खींचतान मची है।इन्तेजामीया जहां इलाके के लोगो को अपने बच्चो को इन मुतास्सीरीन के साथ पढाकर देश में मिसाल कायम करने की नसीहत दे रहा है वहीं गांव वाले अपने बच्चो पर इस बात का बुरा असर पडने की दुहाई देकर उन्हें स्कूल भेजना ही बंद कर दिया है।
सूरत कामरेज तहसील के अंबोली गांव में पिछले कई दिनों से एचआईवी से मुतास्सीर लोगो को सरकारी स्कूल में दुसरे तलबा के साथ पढाने को लेकर गांव वालों और इन्तेजामीया के बीच खींचतान मची है।
गाव वालो का कहना है कि उनके बच्चे एचआईवी से मुतास्सीर बच्चो के साथ पढेंगे तो उनके बच्चो पर गलत असर पड़ेगा। इन्तेजामिया इन बच्चो को आम बच्चो के साथ पढाई दिलाने पर अड़ा है। इसके लिए घर घर जाकर गाव वालो को समझाया भी गया कि एचआईवी साथ पढ़ने, छूने व खाना खाने से नहीं फैलता। लेकिन गांव वाले टस से मस नहीं हो रहे हैं, इन्तेजामीया ने एचआईवी से मुतास्सीर तलबा को पुलिस हिफाजत में स्कूल भेजकर पढने का इन्तेजाम किया तो गाव वालो ने अपने बच्चो को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया।
अलाक़ाई टेव्लप्मेन्ट ओफीसर रैमया मोहन का कहना है कि इन्तेजामिया की तरफ से एचआईवी से मुतास्सीर बच्चो को पूरी मदद की जा रही है, स्कूल में उनके पढ़ने का इन्तेजाम किया गया है और पुलिस हिफाजत का भी इन्तेजाम कीया गया है। जबकि पुलिस अधिकारी सी एन हुड्डा गांव वालों को समझा रहे हैं कि अगर वो अपने बच्चो को एचआईवी से मुतास्सीर बच्चो के साथ पढाते हैं तो देश में एक मिसाल कायम होगी कि सूरत में एक गांव ऐसा भी है जहां एचआईवी से मुतास्सीर बच्चो को बिना किसी भेदभाव के आम बच्चो के साथ पढाया जाता है।