एजेंसी और हुकूमत के दरमियान फंसा राशन कार्ड

तीन साल पहले जिले के करीब छह लाख लोगों ने राशन कार्ड का फार्म जमा किया था, लेकिन अब तक किसी को राशन कार्ड नहीं मिला। इसकी अहम वजह झारखंड हुकूमत और राशन कार्ड बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी के दरमियान का करार खत्म हो जाना बताया जा रहा है।

ज़राये के मुताबिक नया राशन कार्ड बनना भी बंद हो गया है। जानकारी के मुताबिक 2011 में नया राशन कार्ड बनाने के लिए लोगों ने फार्म जमा किया था। फार्म की डाटा इंट्री के बाद तसदीक़ किया जाता था। फिर, पोर्टेबल डोक्यूमेंट फार्मेट ( पीडीएफ) बना कर ऑन लाइन रांची भेजा जाता था।

रांची सतह से पीडीएफ राशन कार्ड बनाने वाली एजेंसी को हैदराबाद भेजा जाता था। जिले से अब तक 1 लाख 39 हजार पीडीएफ बना कर भेजा जा चुका है और हैदराबाद वाकेय एजेंसी से बीपीएल, अंत्योदय, एबीपीएल का 55, 735 राशन कार्ड बना कर तक़सीम के लिए साबिक़ में भेजा गया था।

ज़राये के मुताबिक हैदराबाद में जिस एजेंसी से झारखंड सरकार का राशन कार्ड बनाने का 31 दिसंबर 2013 तक का करार था। करार खत्म होने की वजह मार्च माह के बाद से पीडीएफ भेजना और नया राशन कार्ड बन कर आना बंद हो गया है। दूसरी तरफ यह भी बात सामने आयी है कि हुकूमत की तरफ से एजेंसी के साथ फिर से करार किया गया है और पीडीएफ भेजने का काम चालू कर दिया गया है।