एटीएस पर फ़र्ज़ी एन्काउंटर‌ के इल्ज़ाम

* मुंबई ट्रेन बम धमाकों के मुल्ज़िम एहतिशाम सिद्दीक़ी मुंबैइ हाइकोर्ट गएं , जांच‌ का मुतालिबा
मुंबई। मुंबई के 7/11 सिलसिला वार बम धमाका केस के मुल्ज़िम ने आज मुंबैइ हाइकोर्ट जाकर‌ महाराष्ट्रा एटीएस‌ को की तरफ‌ से 2006 में मुहम्मद अली के एन्काउंटर की अदालती जांच‌ का मुतालिबा किया है। मुल्ज़िम ने एन्काउंटर में गुजरात के पुर्व‌ डी आई जी डी जी वण‌ज़रा के रोल की भी जांच‌ का मुतालिबा किया है।

दरख़ास्त गुज़ार एहतिशाम सिद्दीक़ी ने दावा किया है कि उन्हों ने एटीएसकी तहवील में मुहम्मद अली को 22 अगस्त 2006 में उन के एन्काउंटर से एक दिन पहले देखा था।इस के बाद ए टी एस ने उन्हें एन्काउंटर के ज़रीये हलाक कर दिया। मुहम्मद अली को मुंबई के करीबी इलाक़ा वाडला में एक इमारत में एटीएसकी टीम ने गोली मार दी थी। इन पर इल्ज़ाम था कि वो पाकिस्तानी आतंकवादी हैं, लेकिन‌ एहतिशाम सिद्दीक़ी ने इल्ज़ाम लगाया कि मुहम्मद अली को एक दिन पहले ही ए टीएस ने हिरासत में लिया था और वो जुनूबी मुंबई में वाके एटीएसके काला चौकी ऑफ़िस पर इन से पूछगछ की थी।

एहतिशाम जो 11 जुलाई के ट्रेन बम धमाका के केस में मुल्ज़िम थे, मुहम्मद अली से पूछगछ के दौरान एटीएस दफ़्तर में मौजूद थे। उन्हें मुहम्मद अली के साथ एक ही लॉक अप में रखा गया था। पुर्व‌ डीआईजीडीजी वण‌ज़रा जो उस वक़्त गुजरात एटीएससे जुडे हुए थे, एक और केस के सिलसिले में मुहम्मद अली और एहतिशाम सिद्दीक़ी दोनों से पूछगछ की थी।

एहतिशाम के वकील नईम शेख़ ने आज अदालत को ये बात बताई। उन्हों ने कहा कि एहतिशाम को फरवरी 2007 में इस एन्काउंटर कि खबर मिली और उन्हों ने इस के बाद से हक़ मालूमात क़ानून के तहत सवाल रवाना करते हुए मालूमात हासिल कीं। दरख़ास्त गुज़ार ने मुहम्मद अली के एन्काउंट‌र की अदालती जांच‌ का मुतालिबा किया और इस एन्काउंटर में वणजारा के रोल की भी जांच‌ पर ज़ोर दिया।

वणजारा उस वक़्त गुजरात की साबरमती जेल में कैद‌ हैं। वो सुहराब उद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एन्काउंटर केस में मुल्ज़िम क़रार दिए गए हैं। जस्टिस एसए बोबाडे और मर्द विला भटकर कि डीवीझ़न बैंच ने एहतिशाम सिद्दीक़ी की अदालत से रुजू होने में ताख़ीर का सवाल उठाया।

जस्टिस बोबाडे ने सवाल किया कि आप का दावा है कि ये एन्काउंटर 2006 में हुआ है और आप को इस एन्काउंटर के ताल्लुक़ से 2007 में खबर मिली। आख़िर आप पाँच साल बाद अब अदालत क्यों आए हैं। एहतिशाम सिद्दीक़ी की वकील नईम शेख़ ने कहा कि दरख़ास्त गुज़ार अदालत से रुजू होने से पहले मालूमात इकट्ठा कर रहे थे। बैंच ने दरख़ास्त गुज़ार को हिदायत दी कि वो 28 जून तक हक़ मालूमात क़ानून के ज़रीये हासिल किये गए तमाम दस्तावेज़ पेश करें। इसी तारीख़ को आइन्दा सुनवाई तय‌ की गई है।