गृह मंत्रालय के निर्देश पर जांच एजेंसियां की जांच में गिरफ्तार आतंकियों में से 55 ऐसे थे जिन्होने पूछताछ के दौरान ये माना था कि वो इस्लामिक स्कॉलर जाकिर नाईक के भाषणों को सुना करते थे.
जाकिर नाईक के खिलाफ जांच एजेंसियों की पड़ताल में उन 4 केसों की फाइल एक बार फिर पलटी जा रही है जो जाकिर के खिलाफ 2012 और 2013 में दर्ज किए गए थे. महाराष्ट्र के अलग अलग शहरों में दर्ज इन मामलों में जाकिर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने से लेकर, अलग अलग समुदायों के बीच नफरत फैलाने जैसे आरोप लगाए गए हैं. लेकिन जांच एजेंसिया कोई भी कानूनी कदम उठाने से पहले वो पुख्ता सबुत जुटा लेंने में लगी है अभी तक जाँच एजेंसी के पास पुख्ता साबुत नही हाथ लगे है
एनआईए की चार्जशीट में डाक्टर जाकिर नाईक का नाम नहीं
NIA और IB ने तक़रीबन एक दर्ज़न से ज्यादा ऐसे धर्म प्रचारकों और संस्थाओं की सूची बनाई है जिनके बरगलाने पर पकडे गए युवकों ने आतंकवाद का रास्ता चुन लिया है. इस लिस्ट में शामिल प्रचारकों और संस्थाओं पर एजेंसियां लगातार नज़र रख रही है ताकि ये साफ़ हो सके की ये कहीं किसी साजिश के तहत आतंकवाद को बढ़ावा तो नहीं दे रहे हैं और साथ ही इस बात की जांच भी की जा रही है कि ऐसे धर्म प्रचारकों की फंडिंग कहाँ से हो रही है.
आईएस के खिलाफ NIA की चार्जशीट में जिन 14 धर्म प्रचारकों के नाम हैं उनमें ब्रिटेन के अंजेम चौधरी, हमजा अंदरेस, इमरान मंसूर से लेकर अमेरिका के हमजा यूसुफ औऱ ऑस्ट्रेलिया के शेख फैज मोहम्मद जैसे नाम शामिल हैं.
हालांकि इन लोगों पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया गया है लेकिन ये जरूर कहा गया है कि आईएस से जुड़े कई लोगों ने इन लोगों के भाषणों को सुनने की बात कही है.
NIA के मुताबिक़ ये प्रचारक एहतियात बरतते हुए सीधे सीधे आतंक वाद का समर्थन करने के बजाय अमेरिका पर हमला करते हुए उसे इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन देश क़रार देते हैं और इसके खिलाफ लड़ने वाले संगठन को सही ठहराते हैं.
हालांकि एनआईए की चार्जशीट में जाकिर नाईक का नाम नहीं है.