हैदराबाद 16 नवंबर: मक्का मस्जिद बम विस्फोट मामले की जांच करने वाली नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को उस समय जबरदस्त धक्का लगा जब इस मामले के चार गवाह अपने बयान से भटक गए।
एनआईए की विशेष अदालत में मध्य प्रदेश से संबंधित आकाश सिंह, पुराफल मेथी, पवन सुले और सुनील जोशी को पेश किया गया जहां से उन्हें गवाहों ने अपने बयान नकारना कर दी। चार गवाहों का संबंध इंदौर मध्य प्रदेश से है और एनआईए ने उन्हें बम विस्फोट मामले के दो मुख्य आरोपियों और आरएसएस कार्यकर्ता देवेंद्र गुप्ता और मृतक सुनील जोशी के खिलाफ गवाही के लिए उपस्थित अदालत थी।
मक्का मस्जिद दरगाह अजमेर शरीफ और अन्य स्थानों पर हिंदू आतंकवादियों की ओर से कथित तौर पर किए गए बम विस्फोट की जांच करने वाली एजेंसी को यह पता चला था कि देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद, भरत मोहन लाल रातीशोर उर्फ भरत भाई , राजेंद्र चौधरी, संदीप वी डांग, रामचंद्र कालसाँगरा उर्फ रामजी ने देश भर में सुनियोजित साजिश के तहत अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों को बम धमाकों की तरफ से निशाना बनाने की गरज से कई मोबाइल फोन्स और सिम कार्ड्स फर्जी नामों पर हासिल किए थे।
जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में यह दावा किया था कि उक्त आरएसएस कार्यकर्ताओं ने बम धमाकों की साजिश रची थी जो एक दूसरे से लिंक में रहने के लिए फर्जी पहचान पर हासिल किए गए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था और उक्त गवाहों मोबाइल फोन के उपयोग का भी दावा किया गया था लेकिन मध्य प्रदेश के गवाह ने अपने बयान से भटक गए और जांच एजेंसी को बयान देने से इनकार किया।