नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विभिन्न आईएसआईएस संदिग्धों की आतंकी गतिविधियों के खिलाफ चल रही अपनी जांच में, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और कनाडा सहित छह देशों से सहायता की मांग की है।
जांच एजेंसी ने देशभर से गिरफ्तार 16 संदिग्धों के ख़िलाफ़ पटियाला हाउस स्थित जिला न्यायाधीश अमर नाथ की अदालत में आरोप पत्र दाख़िल किया और दावा किया कि ये संदिग्ध कथित तौर पर लोगों को आतंकवादी संगठन में शामिल करने और देश में आईएस को बढ़ावा देने के लिए आगे आये हैं |एनआईए ने ये भी आरोप लगाया कि वे माओवादी समूहों से सहायता की मांग कर रहे थे और इन्होने अपने ठिकाने के रूप में तेलंगाना के जंगलों का उपयोग करने की योजना बनाई थी।
उन्होंने कहा कि जाँच में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि ये लोग अपने सहयोगियों से बात करने के लिए अलग अलग मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहे थे और लोगों को भर्ती करने,ट्रेनिंग देने के ठिकाने की पहचान करने और देश में सार्वजनिक और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमलों के लिए योजना बनाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अपने सहयोगियों से बातचीत कर रहे थे |
सूत्रों के अनुसार आरोप पत्र में बताया गया है कि पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका को दो , संयुक्त अरब अमीरात को दो कनाडा को एक, आयरलैंड, न्यूजीलैंड और सूडान प्रत्येक को एक अनुरोध पत्र, आरोपियों के ख़िलाफ़ साक्ष्य इकठ्ठा करने के लिए भेजा गया है इन अनुरोधों के जवाब का अभी इंतज़ार किया जा रहा है|
सूत्रों के अनुसार दावा किया गया है कि आईएसआईएस कार्यकर्ताओं की बैठक, यात्रा व्यय, भर्ती और प्रशिक्षण का आयोजन और भारत में आईएसआईएस की विध्वंसक गतिविधियों प्रयोजन के लिए हवाला लेन-देन के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त की जाती थी । ये भी आरोप लगाया गया है कि अभियुक्त आईएसआईएस से प्रेरणा लेकर एक संगठन उनून -उल-खिलाफ़ा-फिल -हिंद के सदस्यों के बीच सुरक्षित संचार के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने की कोशिश कर रहे थे|