एनआईए ने मारा आईआरएफ की शाखाओं पर छापा।

नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने जाकिर नायक संस्था की 10 शाखाओं पर मुम्बई में छापा मारा। छापे के कुछ देर बाद शनिवार को ज़ाकिर नायक के वकील ने कहा कि संस्था और ज़ाकिर नायक पर जो केस दर्ज किये गए है वो गैरकानूनी है। मोबिन सोलकार नाईक के वकील ने आगे कहा कि एफआईआर गैर कानूनी है क्योंकि इसी आरोप में 2012 में भी उनपर एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

कल रात को एनआईए की मुम्बई ब्रांच द्वारा आईपीसी के 153-ऐ सेक्शन के तहत विभिन्न समूहों में दुश्मनी एवं धार्मिक समूहों में घृणा फेलाने के आरोप में केस दर्ज किया गया और उसके बाद मुंबई पुलिस की सहायता से ज़ाकिर नाइक की संस्था में खोजबिन आरम्भ की गयी। यूनियन कैबिनेट के यूएपीए के तहत आईआरएफ को प्रतिबन्ध संस्था घोषित करने के कुछ दिन बाद एनआईए द्वारा एक्शन लिया गया। ढाका कैफ़े हमले के एक आतंकवादी ने सोशल मीडिया पर खुद को नाइक के भाषणों से प्रभावित बताया उसी के बाद से आईआरएफ़ कई सुरक्षा एजेंसियों की नज़रों में आ गयी है। मुम्बई के कुछ युवा जो अपना घर छोड़ कर इस्लामिक स्टेट से जुड़ गए वो सब भी ज़ाकिर नाईक से ही प्रभावित थे।

ग्रह मंत्रालय द्वारा एनजीओ के अंतराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल पीस जिस पर आतंक फैलाने के आरोप हैं से भी सम्बन्ध पाए गए हैं। नाइक के युवाओं को भड़काने और उनको आतंक की तरफ प्रोत्साहित करने की वजह से महाराष्ट्र पुलिस ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज किये हैं। नाइक ने आईआरएफ के विदेशी फण्ड को पीस टी.वि के आपत्तिजनक कार्यक्रमो पर लगाया । पीस टी.वी. के भारतीय कार्यक्रमों में सिर्फ ज़ाकिर नाइक के घृणिक भाषणों को दिखाया जाता था जिसमे ज़ाकिर नायक सभी मुसलमानो को आतंकवादी बनने की सलाह देते थे।