एनआरएचएम घोटाले में चार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एन आर एच एम] घोटाले में सीबीआइ ने बुधवार को तीन अधिकारियों व एक फर्म के संचालक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में सीबीआइ की यह दूसरी चार्जशीट है। अदालत ने आरोपी अभय कुमार वाजपेयी, डा.एसपी राम व सौरभ जैन की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी है।

उप्र लघु उद्योग निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक अभय कुमार वाजपेयी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के पूर्व महानिदेशक डा.एसपी राम व मुरादाबाद की एक फर्म के संचालक सौरभ जैन को सीबीआइ की विशेष अदालत में दोपहर बाद पेश किया गया। सीबीआइ की ओर से अभय कुमार वाजपेयी, एसपी राम तथा सौरभ जैन तथा उप्र लघु उद्योग निगम कानुपर के रीजनल मैनेजर संजीव कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। संजीव की गिरफ्तारी अभी नहीं हो सकी है। सभी के खिलाफ आइपीसी की धारा 120 बी सपठित 420, 409, 468, 471 तथा 13 [2]13 [1][डी] पीसी एक्ट के तहत सीबीआइ ने चार्ज शीट दाखिल की। जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने मिली भगत कर मुरादाबाद की कंपनी को नियमों के विरुद्ध जाकर चिकित्सकीय उपकरण की आपूर्ति का ठेका दिया गया। यह ठेका 5 करोड़ 83 लाख रुपये का दिया गया। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि ठेका देते वक्त फर्जी तरीके से तीन फर्माें के टेंडर डाले गए थे। तीनों ही फर्मे सौरभ जैन व अन्य आरोपियों के परिवारों की थी। बाजारी मूल्य से कहीं अधिक मूल्य पर यह ठेके इस फर्म को दिए गए, जिसमें सरकार को 2.5 करोड़ का आर्थिक हानि पहुंचाई गई। तीनों आरोपियों को 5 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और वे सभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि इस मामले में कुछ अन्य संदिग्ध लोगों के खिलाफ भी जांच चल रही है।

एनएचआरएम घोटाला: संदिग्ध की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनएचआरएम] घोटाले में संदिग्ध संलिप्तता के कारण सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने से बचने के लिए दायर की गई एक निजी फर्म मालिक की अग्रिम जमानत याचिका को दिल्ली की एक अदालत ने खारिज कर दिया। विशेष न्यायाधीश तलवंत सिंह ने दिल्ली स्थित फर्म सूर्या तेज अर्थ मूवर्स के निदेशक सुमित टंडन की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

टंडन ने घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण खुद के और अपने संबंधी सचिन कोहली को सीबीआई द्वारा तलाश किए जाने के डर से अदालत की शरण ली थी। अदालत ने टंडन की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस अवस्था में यह अग्रिम जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपों की गंभीरता और प्रवृत्ति को देखते हुए, जहां बहुत बड़ी सरकारी राशि का हेरफेर हुआ है और एनएचआरएम योजना में सरकार के साथ धोखाधड़ी की गई है, आरोपी के जांच में शामिल नहीं होने और जरूरी दस्तावेजों को मुहैया नहीं कराने से यह अग्रिम जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं बनता।