नई दिल्ली। 10मार्च (पी टी आई)। कुर्रा-ए-अर्ज़ को बचाने का पैग़ाम देते हुए नौजवान हिंदूस्तानियों की एक मुहीम एनटारटिका के लिए रवाना हो चुकी है और इमकान है कि वो इस सफेद बर्रा-ए-आज़म पर तिरंगा लहराएंगे। इस के अलावा वो यहां के जनटो पनगोइनस के साथ खेलने और चीता सेल मछलियों का मुशाहिदा करने का प्रोग्राम रखते हैं।
टीम के एक रुक्न सोनाल रसगोतरा ने कहा कि कुर्रा-ए-अर्ज़ का ये हिस्सा परियों की कहानी महसूस होता है। यहां ना कोई सूती आलूदगी है और ना किसी और किस्म की आलूदगी। आलम इंसानियत के मानिंद इंतिशार भी यहां मौजूद नहीं है। ये कुर्रा-ए-अर्ज़ के इबतिदाई दौर का एक हिस्सा महसूस होता है।