दिल्ली: शुक्रवार दोपहर, दिल्ली के जामिया नगर के जौहरी फार्म क्षेत्र में उस वक़्त स्थिति तनावपूर्ण हो गयी जब मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल मारे गए एनडीएमसी अधिकारी एमएम खान के परिवार से मिलने पहुंचे। एमएम खान को सुपारी दिए गये हत्यारों द्वारा इसलिए मार डाला गया था क्योंकि उन्होने होटल कनॉट के मालिक का रिश्वत लेने का प्रस्ताव स्वीकार करने से इनकार कर दिया था.
शुक्रवार को पहले आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ता मोहम्मद परवेज ने फेसबुक पर शहीद अधिकारी के परिवार के लिए 1 करोड़ रुपये, एक नौकरी और एक मकान की माँग रखी तो आप के ओखला से विधायक अमानातुल्लाह खान को ये बात अच्छी नहीं लगी. मोहम्मद परवेज की फेसबुक पोस्ट बड़ी तेज़ी से लोगों में फैली और फलस्वरूप सी एम कार्यालय ने उपरोक्त कार्यकर्ता से संपर्क किया और उन्हें सी एम के दौरे के वक़्त शहीद अधिकारी के घर आने को कहा. तय समय पर इन कार्यकर्ताओं का समूह वहाँ पंहुचा और थोड़ी देर में विधायक और उनके साथी भी वहाँ पहुँच गये.
विधायक कार्यकर्ताओं पर चिल्लाने लगे और उन्हें वहाँ से जाने को कहा जिसका कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. इस पर विधायक ने जाकर एस एच ओ मंगेश त्यागी को बुला लाए और उनसे कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए कहा, ये कहते हुए की ये लोग सी एम के आने पर हंगामा कर सकते हैं. एस एच ओ ने ऐसा करने से ये कहकर माना कर दिया की ये सम्मानित लोग हैं और कोई हंगामा नहीं कर रहे हैं.
ये सब उस समय शुरू हुआ जब विधायक जी ने शाहीन बाग इलाक़े की एक मुख्य सड़क पर जगह घेर कर एक पार्क बनाए का फ़ैसला किया. इस फ़ैसले का वहाँ की जनता ने पुरज़ोर विरोध किया जिसका इन कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया.
बात सी एम तक पहुँची और उन्होंने मुद्दे को समझते हुए सख़्त कदम उठाया |
शहीद एम एम ख़ान के मामले में इन कार्यकर्ताओं की वजह से सी एम ने शहीद के परिवार के लिए 1 करोड़ का मुआवज़ा, एक नौकरी और एक मकान देने का एलान किया है.