नई दिल्ली | सदर जुमहुरीया के ओहदे(राष्ट्रपति पद) के उम्मीदवार कि हैसीयत से केन्द्रीय फैनान्स मंत्री प्रणब मुखर्जी के नाम के एलान के बाद बिजेपी ने उन कि हिमायत की बाबत मश्वरा करने के लिए आज शनिवार को कोर ग्रुप कि एक मिटींग करना तय किया हैं लेकिन इस मिटींग से पहले ही एनडीए में प्रणब मुखर्जी कि हिमायत करने और ना करने के मामले को लेकर झगडें शुरु होगए हैं
मिडीया के मुताबिक एक तरफ एनडीए कि मददगार पार्टीयों में से जनतादल(युनाइटेड)और शिरोमणी अकली दल मुखर्जी के मुकाबले में किसी और उम्मीदवार को खडा करना नहि चाहतें वहीं सुब्रह्मण्यम स्वामी कि कियादत वाली जनता पार्टी और शिवसेना विपक्ष की तरफ से एक उम्मीदवार खड़ा करना चाहतें हैं।
पार्टी के एक सदस्य ने ये बात बताई की बीजेपी कोर ग्रुप की मिटींग पार्टी प्रमुख नितिन गडकरी के मकान पर शाम छह बजे होगी। राजग की बैठक रविवार को होने वाली है। इस बीच, जद (यू) के नेता शिवानंद तिवारी ने पटना में मिडीया के नुमाइंदों से बातचीत में मुखर्जी कि हिमायत कि।
लेकिन उन्होंने इसे अपनी निजी राय बताया। जद (यू) सूत्रों का कहना है कि राजग की बैठक में पार्टी के नेता, मुखर्जी कि हिमायत करने के लिए दबाव बनाएंगे। जबकि बिजेपी कहती रही है कि वो कांग्रेस के किसी उम्मीदवार कि हिमायत नहीं करेगी। बीजेपी, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम कि हिमायत में रही है, जिनके नाम का एलान सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने की थी। यादव हालांकि अपने रुख से पीछे हट गए। जद (यू) ने भी कलाम कि हिमायत करने का एलान किया है।
शिरोमणि अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने शनिवार को मिडीया के नुमाइंदों से कहा कि पार्टी राजग की मिटींग से पहले इस मसले पर कोई विचार जाहिर नहीं करेगी। गुजराल ने कहा, “अकाली दल एक अनुशासित सहयोगी रहा है। हमारी कोई निजी राय नहीं है।” उन्होंने कहा कि रविवार को कोई फैस्ला लिया जाएगा।
बीजेपी लिडर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “चूंकि कांग्रेस और उस कि मददगार पार्टीयों ने अपने उम्मीदवार का एलान कर दीया है, लिहाजा भाजपा और राजग अपने कदम के बारे में फैसला करने के लिए मिटींग करेंगे।” नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को भाजपा नेताओं को फोन किया था, लेकिन वो या दुसरे कांग्रेसी नेताओं ने पहले ही बात की होती तो बात कुछ और होती। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को बीजेपी के बडे लिडर लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को फोन किया था और मुखर्जी को अगला राष्ट्रपति बनाने के लिए बीजेपी से मदद मांगी थी।