एनडीए सरकार सभी को रोजगार देने के वादे को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही: लोक गठबंधन पार्टी

नई दिल्ली: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज 2014 के लोकसभा चुनावोंके दौरान सभी को रोजगार देने के किये गए वादे को पूरा किए जाने में पूरी तरहसे नाकामरहने के लिए एनडीए सरकार की आलोचना की।

एलजीपी ने कहा कि चार साल के अंतरालके बाद भी रोज़गार की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है और अबतो बीजेपीने इसके बारे में बात भी करना बंद कर दिया है।

पार्टी के प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां कहा कि मौजूदा रोज़गार की कमी केसंकट का मूल्यांकन इसी तथ्यसे किया जासकता है किभारतीय रेलवे में 90,000 नौकरियों के लिए २ करोड चालीस लाखयुवाओं ने आवेदन किया है।

प्रवक्ता ने कहा कि रोजगार कि ख़राब तथा निराशापूर्णस्थिति एक गंभीर समस्या को जन्म दे सकती है।

2014 के चुनावके दौरान एनडीए ने चुनाव प्रचार के दौरान सभी युवाओं को नौकरियों का आश्वासन दियाथा ,जो अबबीजेपी कि राजनीतिक कथा से गायब gh हो गया है, प्रवक्ता ने कहा किऐसीस्थिति में देश के बेरोजगार युवा अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा किसरकारी सीमित नौकरियों के लिए बड़ी संख्यामें प्रतिस्पर्धा करने वाले और नौकरीतलाशने वालों की संख्या 62% से बढ़कर 65% हो गई है, जिसने देशमें बढ़ते नौकरियोंकेसंकट का स्पष्टसंकेत दिया है।

प्रवक्ता ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेश में उल्लेखनीय सुधार नहीं दिख रहा है,रोजगार संकट ने युवाओं को आंदोलनका सहारा लेने और अधिक आरक्षण के लिए दबाव डालने के लिए मजबूर किया है।

प्रवक्ता ने कहा कि देश हर साल अपने नौकरी बाजार मेंलाखों युवाओं को लगातार जोड़रहा है जो पूरे देशके सामने सबसे बड़ी समस्या है।

प्रवक्ताने कहा कि रोजगार ख़राब स्थिति देश की वर्तमान आर्थिक समस्या का मूल कारण हैलेकिन एनडीए सरकारने पिछले चार सालों के दौरान इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है क्योंकि उसका सारा प्रयास विकास के एजेंडा से लोगों का ध्यान हटाना मात्रा रहा है।

प्रवक्ता नेकहा कि नौकरियों के संकट को ईमानदारी, पारदर्शिता और सुशासन के साथबड़े आर्थिक संदर्भ के साथ देखा जाना चाहिए, लेकिन पिछले चार वर्षों के दौरान बीजेपीसरकारका दिशाहीन दृष्टिकोण रहा है क्योंकि सरकार इस विस्फोटक समस्या से निपटने में गंभीर नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार वास्तव में सभी प्रमुख मुद्दों परविफल रही है जिनकालंबे समय से राष्ट्र सामना कर रहा है।

बीजेपी ने रोज़गार, मुद्रास्फीति, भ्रष्टाचार के अंत, काले धन वापस लाने, सुस्त अर्थव्यवस्था में सुधार लाने, सीमा पर सुरक्षा में सुधार करने का वादा किया था, लेकिन अब तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।

विभिन्न क्षेत्रोंमेंरोज़गार सृजन कि रिपोर्टोंसंकेत दिया गयाहै कि एनडीए सरकार को सबसे खराबरेटिंग रोज़गार पैदा करनेमें  विफल होने के मामले में  मिली है जिससे बेरोजगार युवाओं में व्यापक निराशा व्याप्त हुई है।