एनडी तिवारी को अदालत में पेश होना ही होगा, दर्खास्त खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस लीडर नारायण दत्त तिवारी के खिलाफ Paternity मामले में सेहत की बुनियाद पर उनसे जिरह को टालने की उनकी दर्खास्त को पीर के दिन खारिज कर दिया | अदालत ने कहा कि तिवारी आवामी तौर पर ऐक्टिव हैं, अदालत ने उन्हें मंगल तक का वक्त बयान (वक्त के मुतबिक) देने के लिए आने की हिदायत दी है |

गौरतलब है कि साल 2008 में 32 साला रोहित शेखर ने एक दरखास्त दायर कर दावा किया था कि कांग्रेस लीडर तिवारी ही उसके वालिद है, हालांकि तिवारी उसके इस दावे को खारिज करते रहे हैं |

जिरह को आठ हफ्ते के लिए टालने की 88 साला तिवारी की अर्जी को खारिज करते हुए जस्टिस विपिन सांघी ने कहा, ऐसा लगता है कि तिवारी को दिये गये आखिरी मौके का फायदा उन्होंने अल्तवी करने के लिए उठाया है और उसका गलत इस्तेमाल किया है |

अदालत ने यह भी कहा कि साबिक वज़ीर ए आला अपनी इस उम्र में अच्छी तरह ऐक्टिव हैं | अदालत ने उन्हें हिदायत दी कि वह दिल्ली आएं और मंगल को मुकरर्र वक्त पर मुकामी कमिश्नर के सामने बयान दें और ऐसा नहीं होने पर हकायक रखने का उनका हुकूक खत्म हो जाएगा |