गांधी नगर
हिन्दुस्तानी तारकीन-ए-वतन बिरादरी को कामयाब, ख़ुशहाल और सियासी तौर पर असरोरसूख़ की हामिल क़रार देते हुए सुषमा स्वराज ने मुल्क की तरक़्क़ी में उन के साथ बाहमी तौर पर काबुल-ए-क़बूल पार्टनरशिप की हिमायत की। उन्होंने 13 वीं प्रवासी दिवस के मौक़े पर तारकीन-ए-वतन के इजतिमा से ख़िताब करते हुए कहा कि हम हर ताजिर, सनतकार और सरमायाकार और प्रोफ़ैशनल का ख़ैरमक़दम करते हैं कि वो वतन की तरक़्क़ी और उसकी अज़मत रफ़्ता की बहाली में हमारे शराकतदार बन जाये।
सुषमा स्वराज ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने एन आर आईज़ को इस अहम काम में शामिल करने में काफ़ी अहम रोल अदा किया है। एक कामयाब, ख़ुशहाल और सियासी असरोरसूख़ का हामिल ये ग्रुप हिन्दुस्तान केलिए असासा है। उन्होंने बताया कि बैरून-ए-मुमालिक में हिन्दुस्तानियों की तादाद गुज़िशता चंद साल के दौरान 25 मीलियन अफ़राद से तजावुज़ कर गई है जो एक बाएतेमाद कम्यूनिटी के तौर पर उभरी। उन्होंने कहा कि बैरूनी ममालिक में जब भी हिन्दुस्तानियों के काम के अंदाज़ और डिसिप्लिन के साथ साथ तरक़्क़ी में उनके रोल की सराहना की जाती है तो हम तमाम ख़ुशी महसूस करते हैं।