एन आर आईज़ के लिए एफडीआई पोलिसी की निर्मेयों का ऐलान

नई दिल्ली: एन आर आईज़, ओ सी आईज़ और पी आई औज़ की तरफ़ से नाक़ाबिल वापसी सरमाइयों को देसी सरमायाकारी मुतसव्वर किया जाएगा और ये बैरूनी रास्त सरमायाकारी हदों के ताबे नहीं होंगे, विज़ारत तिजारत और सनत ने आज ये बात कही। एक सहाफ़ती बयान में कहा गया कि हुकूमत ने एन आर आईज़, पी आई औज़ और ओ सी आईज़ की जानिब से सरमायाकारी से मुताल्लिक़ एफडी आई पालिसी पर नज़रेसानी की है।

ये फ़ैसला किया गया कि एफडी आई पालिसी में एन आर आईज़ की जिस तरह सर अहित की गई इस में तरमीम लाई जाये। और ये गुंजाइश फ़राहम करने का फ़ैसला भी हुआ कि एफडी आई पालिसी के मक़ासिद के लिए फेमा क़वाइद के शैडूल 4 के तहत एन आर आईज़ की सरमायाकारी को इतना ही देसी सरमायाकारी समझा जाएगा जैसा कि मुल्क में रहने वालों का सरमाया होता है।

इस में कहा गया कि एन आर आईज़ में हिन्दुस्तान के समुंद्र पार शहरी (ओ सी आईज़) और हिन्दुस्तानी नज़ाद अश्ख़ास (पी आई औज़) भी शामिल हैं। गुज़िश्ता माह काबीना ने वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की सदारत में इन तरामीम को मंज़ूरी दी थी। इस फ़ैसले के नतीजे में तवक़्क़ो है सारे शोबों में सरमायाकारी बढ़ेगी और बैरूनी ज़र-ए-मुबादला रक़ूमात का ज़्यादा तेज़ी से बहाव‌ होगा और जो ऊंची शरह तरक़्क़ी का मूजिब बनेगा।

हुकूमत ने एफ़ आई पी बी के इख़्तयारात में इज़ाफे़ का ऐलान भी किया है कि ये इदारा बैरूनी सरमायाकारी तजावीज़ के मामले में पहले के 2,000 करोड़ रुपये के मुक़ाबिल अब 3,000 करोड़ रुपये तक की तजावीज़ की सिफ़ारिश करसकता है।एक और बयान में कहा गया कि वज़ीर फाईनेंस जुमला 3,000 करोड़ रुपये तक बैरूनी रास्त सरमायाकारी तजावीज़ के बारे में एफ़ आई पी बी की सिफ़ारिशात पर ग़ौर करेंगे।

इस हद से मुतजाविज़ होने वाली तजावीज़ मंज़ूरी के लिए काबीनी कमेटी बराए मआशी उमूर से रुजू की जाएंगी। माली साल 2014-15-के अप्रैल। फ़रव‌री में एफडी आई 39 फ़ीसद बढ़ कर 28.81 बिलीयन अमरीकी डालर होगई जो पैवस्ता साल इसी मुद्दत में 20.76 बिलीयन डालर थी।