पार्लियामेंट को मतला किया गया हैके हुकूमत ने तमाम ग़ैर मुक़ीम हिंदुस्तानियों ( एन आर आई) , हिंद नज़ाद अफ़राद (पी आई औज़ ) और समुंद्र पार हिन्दुस्तानी शहरीयों (ओ सी आईज़) को अपने और तफ़सीलात आधार में इंदिराज करने की इजाज़त देने का फ़ैसला किया है ताके उन्हें भी अपनी शिनाख़्त की डीजीटल तौसीक़ करवाने में मदद दी जा सके।
वज़ीर मंसूबा बंदी राव इंद्र जीत सिंह ने लोक सभा में दीए गए अपने तहरीरी जवाब में बताया कि हिन्दुस्तानी सरज़मीन पर एन आर आईज़ , ओ सी आईज़ और पी आई औज़ के अलावा वीज़ा याफताह सय्याहों को अपनी मुनफ़रद शनाख़्त के साथ बाइख़तियार बनाया जाएगा ताके किसी भी वक़्त ज़रूरत वो अपनी शिनाख़्त की डीजीटल शिनाख़्त की तौसीक़ कर सकें।
मुल्क में फ़िलहाल यहां मुक़ीम तमाम अफ़राद जायज़ वीज़ा के हामिल बैरूनी शहरीयों को भी आधार कारडज़ दीए जा रहे हैं। आधार प्रोजेक्ट के तहत मुनफ़रद शिनाख़्त अथॉरीटी ( यू आई डी ए आई) यहां मुक़ीम तमाम अफ़राद को मुनफ़रद नंबर्स फ़राहम कर रही है।