हैदराबाद 14 अक्टूबर: तालीम और रोज़गार के मुआमले में दिन-ब-दिन पसमांदगी का शिकार तेलंगाना का मुस्लमान तरक़्क़ी से भी दूर होता जा रहा है। एक तरफ़ तालीमी मवाक़े और दूसरी तरफ़ रोज़गार के मवाक़े ना होना नौजवान नसल का मुस्तक़बिल को तारीकी में झोंकता जा रहा है।
लम्हों ने ख़ता की और सदीयों ने सज़ा पाई के मुस्लिम तबक़ा दिन बह दिन पसमांदगी का शिकार होता जा रहा है और अब ख़लीजी ममालिक में बरसर-ए-कार नौजवान भी परेशानी का शिकार हैं। ख़लीज में नए क़वानीन और पालिसीयां बैरून-ए-मुल्क मौजूद अफ़राद की मुश्किलात में इज़ाफे का सबब बन रही हैं और अब मुल्क से बाहर रोज़गार ज़ियादा मुश्किल होता जा रहा है।
बैरून-ए-मुल्क मुक़ीम हिंदुस्तानियों खास्कर हैदराबाद-ओ-तेलंगाना अज़ला से वाबस्ता अफ़राद के हालात का जायज़ा लेने रोज़नामा सियासत में एक मीटिंग मुनाक़िद हुवी। बैरून-ए-मुमालिक से मौसूला ई मेल्ज़ और ख़ुतूत का जायज़ा लिया गया। बैरूनी ममालिक से मौसूला पयामात में 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात तहरीक की ज़बरदस्त सताइश की गई और इस तहरीक को मज़बूत करने और कामयाब करने की एन आर आईज़ ने तेलंगाना के मुस्लमानों से दरख़ास्त की।
ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर सियासत-ओ-सरपरस्त आला 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात तहरीक की सदारत में ये मीटिंग मुनाक़िद हुवी। जिसमें तहरीक के रूह-ए-रवाँ आमिर अली ख़ां न्यूज़ एडीटर सियासत और जहीरुद्दीन अली ख़ां मुशीर आला भी मौजूद थे। मौजूदा हालात में तहरीक की अफ़ादीयत और ज़रूरत पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करते हुए एन आर आईज़ की फ़िक्र की ज़ाहिद अली ख़ां ने सताइश की और बी सी कमीशन के ज़रीये 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात को फ़राहम करने की मुस्लमानों की ख़ाहिश और मुतालिबे को फ़ौरी पूरा करने की रियासती हुकूमत से मुतालिबा किया।
इस मौक़ा पर जनाब आमिर अली ख़ां ने कहा कि आज़ादी हिंद के बाद 20 साल तक मुस्लमान बादशाहत के नशे में थे जब तक उन्हें होश आया तब तक मुस्लमान सब कुछ खो बैठे थे। उन्होंने कहा कि ठीक उस वक़्त मशरिक़ वुसता में रोज़गार के मवाक़े के ज़रीये अल्लाह ने मुस्लमानों को बचा लिया और ग़रीब मुस्लमान ने भी छोटी रक़म जमा करते हुए ख़लीजी ममालिक जाकर अपने घर की मआशी हालत को सुधाकर लिया। लेकिन अब आलमी सतह पर जो हालात तैयार किए जा रहे हैं जो मन्सूबा-ओ-साज़िशें बनाए जा रहे हैं उनसे ग़ैर मुक़ीम हिन्दुस्तानी भी परेशान हैं।
उन्होंने मुस्लमानों से ख़ाहिश की के वो बी सी कमीशन और 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात के मुतालिबे में शिद्दत पैदा करें और नुमाइंदगियों के सिलसिले को जारी रखें। उन्होंने कहा कि साबिक़ में जो कोताहियों और ख़ता हो गई उसकी सज़ा सदीयों तक भुगतनी पड़ेगी ताहम अब इस रिवायत को तोड़ कर 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात हासिल करके क़ौम की तरक़्क़ी में रोल अदा करना है और आइन्दा नसलों के लिए तरक़्क़ी की राह हमवार करनी है।