एन आर आई बच्चों की हवाल्गी : हिंदूस्तान की हालात पर नज़र : एस एम कृष्णा

एन आर आई बच्चों की तहवील के मुआमला पर हिंदूस्तान गहरी नज़र रखे हुए वज़ीर-ए-दाख़िला एस एम कृष्णा ने आज ये बात उस वक़्त कही जब उन्हें वज़ारत में सेक्रेटरी (वेस्ट) के फ़राइज़ निभाने वाले मधूसुदन गणपति की जानिब से एक रिपोर्ट मौसूल हुई, जिसमें वाज़िह तौर पर कहा गया था कि हुकूमत बच्चों की वापसी की ख़ाहां है, लेकिन चूँकि इस मामला में अदालती कार्रवाई जारी है। लिहाज़ा मज़ीद पेशरफ्त आइन्दा समाअत यानी 23 मार्च के बाद ही हो सकेगी।

मिस्टर कृष्णा ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि सेक्रेटरी ने इनसे वाज़िह तौर पर कहा था कि वो (सेक्रेटरी) इस मामला में बेशतर मुताल्लिक़ा वुज़रा से मुलाक़ात कर सकते हैं जिनमें नार्वे के वज़ीर-ए-ख़ारजा भी शामिल हैं, लेकिन मामला चूँकि अदालत में ज़ेर तसफ़ीया है लिहाज़ा आमिला इस मामला में कोई ख़ास रोल अदा नहीं कर सकता लेकिन इसके बावजूद वज़ारत इस मामला पर गहिरी नज़र रखे हुए और अगर ज़रूरत महसूस हुई तो वो आला सतही ओहदेदारों को दुबारा रवाना करने में कोई पस-ओ-पेश नहीं करेंगे।

याद रहे कि एक साला अभिग्यान और 3 साला एश्वर्या जो अनूरूप और सागार यक्का भट्टाचार्य के बच्चे हैं, जो नार्वे में रिहायश पज़ीर एक एन आर आई जोड़ा है लेकिन इन बच्चों को गुज़श्ता मई में Norway’s Child Welfare Service की जानिब से जज़बाती तौर पर क़ता ताल्लुक़ी की बुनियाद पर हासिल किया गया था और एक दीगर मुक़ाम पर रखा गया था, लेकिन हिंदूस्तान की जानिब से शदीद सिफ़ारती दबाव के तहत नार्वे की चाइल्ड वेलफेयर सर्विस ने फ़ैसला किया था कि दोनों बच्चों को उनके हक़ीक़ी वालिद के भाई के हवाले कर दिया जाए ।