मुंबई 10 अप्रैल : डाक्टर अनवर अली जो कभी मुल्क के बावक़ार इदारा नैशनल डीफ़ैंस एकेडेमी (एन डी ए) पुणे के एक मारूफ़ प्रोफ़ैसर थे लेकिन 2003-ए-के मुंबई धमाकों के ज़िमन में मुंबई पुलिस की जानिब से गिरफ़्तारी के बाद इनका ताबनाक कैरियर तबाह होगया।
मुंबई की आर्थर रोड जेल में तक़रीबन 8 साल तक क़ैद-ओ-बंद की मोसीबतें बर्दाश्त करने के बाद डाक्टर अनवर अली फरवरी 2011-ए-में ज़मानत पर रेहा होगए लेकिन वो अपनी नौकरी पर दुबारा नहीं आसके। चुनांचे अब वो अपनी गुज़र बसर केलिए कुतुबफ़रोशी पर मजबूर होगए हैं।
जमईता उलमा-ए-महाराष्ट्रा के क़ानूनी शोबा मुताबिक़ अनवर अली को 9 मई 2003-ए-को क़ानून इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी (पोटा) के तहत गिरफ़्तार किया गया था उन पर 13 मार्च 2003-ए-को हुए मलंद ट्रेन धमाके में मुलव्विस होने के इल्ज़ाम था जबकि वो इस इल्ज़ाम के तहत जेल में ही थी कि दिसम्बर 2003-ए-को घाटकोपर बस धमाका के मुक़द्दमा में गिरफ़्तार करलिया गया था।
डाक्टर अनवर अली एन डी ए में उबूरी प्रोफ़ैसर थे लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस इदारा ने उनकी मुअत्तली की वजह गैरहाज़िरी बताई है। डाक्टर अनवर अली को घाटकोपर धमाका केस में सबूत की अदम दस्तयाबी की बुनियाद पर बाइज़्ज़त बरी कर दिया गया था जिस के बावजूद वो मलंद ट्रेन धमाका के ज़िमन में क़ैद थे लेकिन फ़रवरी 2011-ए-में अदालत में उनकी ज़मानत मंज़ूर की थी।