एन डी ए को शरह तरक़्क़ी के लिए यू पी ए का मशकूर होना चाहिए

साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर फाइनेंस‌ पी चिदम़्बरम ने आज कहा कि हिन्दुस्तानी मईशत की जारीया माली साल की पहली सहि माही में आला शरह तरक़्क़ी का सहरा यू पी ए हुकूमत की पालिसीयों के सर है और नई हुकूमत को इस बात को तस्लीम करना चाहिए। कांग्रेस के सीनियर क़ाइद ने सवाल किया कि क्या मोदी हुकूमत अपने ऐसे एक भी इक़दाम का नाम बता सकती है जो इस ने 26 मई के बाद किया है जिस के नतिजे में आला शरह तरक़्क़ी 1 जून ता 31 अगस्त हासिल हुई है।

उन्होंने कहा कि एन डी ए को यू पी ए की पालिसीयों के नताइज अपने सर बांधना तर करदेना चाहिए। कानकनी, पैदावार और ख़िदमात के शोबा में बेहतर कारकर्दगी और गुज़श्ता ढाई साल से 5.7 फ़ीसद शरह तरक़्क़ी और माली साल 2014‍‍-15 की पहली सहि माही की शरह तरक़्क़ी यू पी ए हुकूमत की पालिसीयों का नतीजा है।

उन्होंने पैदावारी शोबा , बर्क़ी तवानाई और कानकनी के शोबों का अहया करने के लिए यू पी ए हुकूमत के किए हुए कई इक़दामात का तज़किरा किया और कहा कि इस के अलावा माली ख़िदमात में मुतअद्दिद इस्लाहात की गईं जिस के नतीजे में मौजूदा बुलंद शरह तरक़्क़ी हासिल हुई।