नई दिल्ली, 08 जनवरी: ( पीटीआई ) एन डी तिवारी पदरीयत का जो मुआमला एक अर्सा से जारी है जहां एक नौजवान ने ये इद्दिआ किया है कि तिवारी इसके हक़ीक़ी बाप हैं क्योंकि उसकी माँ से नाजायज़ ताल्लुक़ात के बाद उसकी पैदाइश हुई थी ।
हाईकोर्ट ने अब इस मुआमला को रोज़ाना की बुनियाद पर समाअत के लिए मुक़र्रर किया है क्योंकि एन डी तिवारी बदस्तूर अपनी ज़िद पर अड़े हुए हैं और इस मुआमला की यकसूई नहीं चाहते । दरीं असना जस्टिस मनमोहन ने मुक़ामी कमिश्नर को हिदायत की है कि इस मुतनाज़ा मुआमला की रोज़ाना की बुनियाद पर समाअत की जाये ।
88 साला क़ाइद के वकील ने सालसी के ज़रीया इस मुआमला की अदालत से बाहर यकसूई को सरासर मुस्तर्द कर दिया है जिसके बाद ही ये हिदायत जारी की गई है । वकील का कहना है तिब्बी सबूत भी सद फ़ीसद दुरुस्त साबित नहीं हो सकते ।