एन सी टी सी के क़ियाम के लिए मरकज़ की कोशिशें तेज़

नई दिल्ली, 26 फ़रवरी: ( पी टी आई) हैदराबाद में हुए बम धमाकों के तनाज़ुर में मर्कज़ ने मुतनाज़ा इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी इदारा एन सी टी सी के क़ियाम के सिलसिला में रियासतों के साथ दुबारा मुज़ाकरात शुरू कर दिए हैं ।

ऐसी रियासतों में जहां कांग्रेस इक़तिदार ( सत्ता/ शासन) पर नहीं है एन सी टी सी की मुख़ालिफ़त की जा रही है । नए मंसूबा के तहत एन सी टी सी को इंटेलीजेंस ब्यूरो के दायराकार से बाहर रखा जाएगा और ये एक आज़ाद इदारा होगा जो रास्त वज़ारत-ए-दाख़िला के तहत होगा ।

सरकारी ज़राए ने बताया कि ये इदारा किसी भी दहशतगर्द सरगर्मीयों के ख़िलाफ़ रियासती पुलिस को एतिमाद में लेने के बाद ही कार्रवाई शुरू करेगा ।वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने समझा जाता है कि इस मसला पर चीफ़ मिनिस्टर मग़रिबी बंगाल ममता बनर्जी से बातचीत की है ।

वाज़ेह रहे कि ममता बनर्जी एन सी टी सी की शिद्दत से मुख़ालिफ़त कर रही हैं । शिंदे ने आज कहा है कि मरकज़ दहशतगर्दी से आम तौर पर निमटने के लिए एन सी टी सी को मुतआरिफ़ करने का ख़ाहां है और ममता बनर्जी इस मसला पर मुसबत ज़हन रखती हैं ।

शिंदे तवक़्क़ो है कि चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी चीफ़ मिनिस्टर तमिलनाडू जया ललीता और चीफ़ मिनिस्टर ओडिसा ( उड़ीसा) नवीन पटनायक से भी इस बारे में बात करेंगे । ये तमाम चीफ़ मिनिस्टर्स एन सी टी सी की मौजूदा शक्ल की मुख़ालिफ़त कर रहे हैं ।

वज़ीर-ए-दाख़िला तवक़्क़ो है कि इन चीफ़ मिनिस्टर्स से अलैहदा मुलाक़ात करते हुए अंदेशों को दूर करने की कोशिश करेंगे और नज़रसानी शूदा मंसूबे से वाक़िफ़ कराएंगे ।

क़ब्लअज़ीं पी चिदम़्बरम ने एन सी टी सी पर चीफ़ मिनिस्टर्स का इजलास मुनाक़िद किया था लेकिन इत्तिफ़ाक़ राय पैदा करने में नाकामी हुई । इस दौरान बी जे पी ने वाज़ेह तौर पर कहा कि वो एन सी टी सी की मौजूदा शक्ल में मुख़ालिफ़त करती है । पार्टी का ये मानना है कि मौजूदा शक्ल में पालिसी इख़्तेयारात को महिदूद कर दिया गया है

ताहम दहशतगर्दी से निपटने के लिए वफ़ाक़ीयत का बकाए बाहम ज़रूरी है । बी जे पी तर्जुमान प्रकाश जा ने कहा कि कांग्रेस इस मसला पर सियासत कर रही है और वो दोहरा मौक़िफ़ इख़्तेयार किए हुए है । उन्होंने कहा कि महज़ कांग्रेस की इस दो रुख़ी पालिसी की वजह से दहशतगर्दी के ख़िलाफ़ लड़ाई कमज़ोर हो रही है ।

उन्होंने कहा कि फ़र्ज़ी वफ़ाक़ीयत बमुक़ाबला दहशतगर्दी मसला पर बहस फ़ुज़ूल है । प्रकाश झा ने बताया कि अपोज़ीशन जमातों को ज़िम्मेदार क़रार देना और सिर्फ़ ये कह देना कि बाअज़ रियासतें उसकी मुख़ालिफ़त कर रही हैं मुनासिब नहीं ।

उन्होंने कहा कि एन सी टी सी की मौजूदा तजवीज़ के तहत हुकूमत ने पुलिस के इख़्तेयारात भी इंटेलीजेंस एजेंसी को दे दिए हैं । उन्होंने कहा कि किसी भी जमहूरी इदारा में ऐसा नहीं किया जाता । बी जे पी क़ाइद अरूण जेटली ने मरकज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे की क़ौमी मरकज़ बराए इन्सिदाद-ए-दहशतगर्दी की तशहीर के लिए कोशिश पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए कहा कि दहशतगर्दी के ख़िलाफ़ जंग का वफ़ाक़ीयत के साथ बकाए बाहम ज़रूरी है ।

तसव्वुराती वफ़ाक़ीयत बमुक़ाबला दहशतगर्दी मसला पर बहस बेमानी है । उन्होंने कहा कि क़ौमी इन्सिदाद-ए-दहशतगर्दी मरकज़ पर मुम्किन है कि कोई ऐतराज़ ना हो लेकिन इसके इख़्तेयारात और दायराकार दस्तूरी चौखटे के अंदर होना चाहीए ।

अरूण जेटली ने कहा कि सरहद पार से मालूमात का हुसूल और उन पर नज़र रखना जो बैरून-ए-मुल्क से गड़बड़ फैलाते हैं खासतौर पर मरकज़ी हुकूमत के दायराकार में और इख़्तेयारात में शामिल हैं । क़ाइद अपोज़ीशन राज्य सभा अरूण जेटली ने कहा कि मुजव्वज़ा क़ौमी मर्कज़ बराए इन्सिदाद-ए-दहशतगर्दी इंटेलीजेंस ब्यूरो और सुराग़ रसां महकमों के तहत क़ायम किया जाएगा उसे पुलिस के इख़्तेयारात हासिल नहीं होने चाहीए ।

उन्होंने अमेरीकी क़ौमी मरकज़ बराए इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी की मिसाल देते हुए जो सिर्फ़ दिफ़ाई मंसूबा बंदी और सयान्ती महकमों की यकजहती के लिए मुख़तस है , कहा कि अमेरीकी मरकज़ अमली कार्यवाईयों में मुलव्वस नहीं होता ये सिर्फ़ एक दहशतगर्दी के तजज़िया का मुशतर्का मरकज़ है जो राबिता का काम करता है ।

उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान ने तजवीज़ पेश की है कि एक ऐसा इदारा होना चाहीए जिसे सुराग़ रसानी की कार्रवाई करना चाहीए और अमली काम भी अंजाम देना चाहीए । उसे महकमा सुराग़ रसानी के इख़्तेयार दीए जा रहे हैं जबकि नज़म-ओ-क़ानून के इख़्तेयारात रियासती हुकूमतों के दायराकार में शामिल हैं चुनांचे रियासतों का इस पर ऐतराज़ बिलकुल दुरुस्त है ।

अरूण जेटली ने कहा कि तलाशी लेने , ज़ब्त करने और गिरफ़्तार करने यानी महकमा सुराग़ रसानी के अमली कामों का इस मरकज़ को इख़्तेयार देना इंतिहाई ख़तरनाक होगा । अपोज़ीशन क़ाइद राज्य सभा ने इंटेलीजेंस ब्यूरो की कारकर्दगी पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि ये महकमा सयासी सरगर्मीयों पर ज़्यादा तवज्जा मर्कूज़ कर रहा है , क़ौमी सयानत पर नहीं ।

गुज़शता चंद अर्सा से इंटेलीजेंस ब्यूरो एक अहम क़ौमी ज़रीया के तौर पर अपनी तवज्जा ज़्यादातर सयानत से मुताल्लिक़ सरगर्मीयों से हटा कर सयासी और नीम सयासी सरगर्मीयों पर मर्कूज़ कर रहा है ।