एन सी टी सी पोटा और टाडा से ज़्यादा तबाहकुन

एन सी टी सी को पोटा और टाडा से भी ज़्यादा तबाहकुन क़रार देते हुए तृणमूल कांग्रेस सरबराह ममता बनर्जी ने आज वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह मुलाक़ात के दौरान अपने तहफ़्फुज़ात से वाक़िफ़ कराया। बादअज़ां अख़बारी नुमाइंदों ने जब ममता बनर्जी से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि मुलाक़ात काफ़ी बेहतर रही। दिनेश त्रिवेदी मसला के बाद वज़ीर-ए-आज़म से उन की ये पहली मुलाक़ात है।

जब कांग्रेस ज़ेर क़ियादत यू पी ए के साथ तृणमूल कांग्रेस के रवाबित के बारे में सवाल किया गया तो ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसी कोई ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं है उन्होंने एन सी टी सी मसला पर लोक सभा से पार्टी के वाक आउट की भी मुदाफ़अत की और कहा कि अगरचे तृणमूल कांग्रेस हुकूमत का हिस्सा है और वो मुख़ालिफ़त में वोट नहीं दे सकती इस लिए पारलीमानी इक़दार को मल्हूज़ रखते हुए वाक आउट किया गया ।

उन्होंने कहा कि एन सी टी सी टाडा और पोटा से ज़्यादा बदतरीन है। ममता बनर्जी ने मुख़्तलिफ़ मसाइल/ मसाएल पर हुकूमत के साथ जारी इख्तेलाफ़ात के बावजूद आज कहा कि वो यू पी ए का हिस्सा हैं और इस वक़्त तक हम यू पी ए में मौजूद रहेंगे जब तक तौहीन की जाए या फिर हमें निकाल ना फेंका जाए। ममता बनर्जी ने सी एन एन आई बी एन को बताया कि बाअज़ मसाइल ज़रूर हैं लेकिन वो ग़ुस्सा में नहीं है।

वो सारी तफ़सीलात का सहाफ़त के रूबरू इन्केशाफ़ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि हर सयासी जमात अवाम के साथ किसी ना किसी सयासी वायदा की पाबंद होती है और वो भी अपना वायदा पूरा कर रही हैं। जब उन से पूछा गया कि वो हुकूमत की ताईद से दस्तबरदार हो जाएंगी तो उन्होंने कहा कि वो यू पी ए II में शामिल रहने के लिए पाबंद अह्द है की उनका इंतेख़ाबात का हम मिल कर मुक़ाबला किया था ।

वो अपने इंतेख़ाबी मंशूर में किए गए वायदा को पूरा करना चाहती हैं। चुनांचे उस वक़्त तक वो हुकूमत में शामिल रहेंगी जब तक हमें निकाल बाहर फेंका जाए। हम पूरी इज़्ज़त के साथ इत्तेहाद जारी रखेंगे। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने फ़ौरी कहा कि अगर हमारी हतक की जाए तब उन्हें कोई ना कोई फैसला करना होगा।

ममता बनर्जी का ये बयान इसलिए भी नुमायां अहमियत का हामिल है कि कई मौज़ूआत जैसे एन सी टी सी , रीटेल शोबा में एफ डी आई , इंधन की कीमतों में इज़ाफ़ा और रेल किराये में इज़ाफ़ा की तृणमूल कांग्रेस ने मुख़ालिफ़त करते हुए हुकूमत की परेशानियों को बढ़ा दिया है । मुख़्तलिफ़ सवालात का जवाब देते हुए एक मरहला पर ममता बनर्जी ने कहा कि वज़ीर रेलवे के बारे में वज़ीर-ए-आज़म फैसला नहीं कर सकते की उनका ये एक मख़लूत हुकूमत है ।

उन्होंने कहा कि ख़ुद वो कांग्रेस पार्टी उमूर में मुदाख़िलत नहीं कर सकतीं और ना कांग्रेस पार्टी हमारे दाख़िली मुआमला में मुदाख़िलत की मजाज़ है। वज़ीर रेलवे का इंतेख़ाब उनकी पार्टी का इख्तेयार है। पार्टी ही ये फैसला करेगी कि किसे उस वज़ारत के लिए मुंतख़ब किया जाए ।

ऑल इज वेल

ममता बनर्जी की आज पार्लीयामेंट हाउस दौरा से ये पयाम मिल रहा था कि हालात अब काफ़ी हद तक बेहतर हो चुके हैं यानी सूरत-ए-हाल ऑल इज़ वेल है। दिनेश त्रिवेदी के बहैसियत वज़ीर रेलवे इस्तीफ़ा के ऐलान के बाद ममता बनर्जी को त्रिवेदी और दीगर पार्टी अरकान पार्लीमान के साथ काफ़ी नोश करते देखा गया। तृणमूल कांग्रेस 19 अरकान के साथ कांग्रेस ज़ेर क़ियादत यू पी ए की दूसरी सब से बड़ी हलीफ़ जमात है।

ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस एक पाबंद डिसिप्लिन और शफ़्फ़ाफ़ियत की हामिल जमात है। उन्होंने कहा कि इस रवायात को तोड़ने की कोशिश की गई लेकिन कामयाबी ना मिल सकी।