एपी भवन ग़बन मामले में सरकारी मुलाज़िम को सज़ा

हैदराबाद, 1 मई- साल 1997 में ए पी भवन नई दिल्ली के खातों में हुए 4 लाख रुपये के ग़बन केस में नामपल्ली की एक अदालत ने एक सरकारी मुलाज़िम को मुजरिम क़रार देते हुए चार दफाओं के तहत तीन-तीन साल की क़ैद और 800 रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है।

सीआईडी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ने यहां जारी एक प्रेस नोट में बताया कि पे एण्ड अकाउण्ट्स के एक ओहदेदार की शिकायत पर सीआईडी ने इस मामले की जांच की थी और सरकारी मुलाज़िम जुनियर एसिस्टेंट पी. नागेश्वर राव और टाइपिस्ट वेंकट सत्यनारायणा को मुल्ज़िम बनाया था। मामले की सुनवाई के दौरान वेंकट सत्यनारायाणा की मौत हो गयी। कल इस मामले में नामपल्ली के छठे एडिशनल मेट्रोपोलिटिन मेजिस्ट्रेट ने दफा 409, 420, 468,471 के तहत तीन-तीन साल की सज़ा सुनाई। चारों सज़ाएं एक साथ चलेंगी। जुर्माना दो-दो सौ के हिसाब से 800 रुपये होगा। जुर्माना अदा न करने पर हर 200 रुपये के लिए तीन महीने की सज़ा अलग होगी।