‘एप्पल’ से 96 हज़ार करोड़ रुपए टैक्स की वसूली की जाए – यूरोपीय आयोग

दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एप्पल पर अब तक का सबसे बड़ा टैक्स जुर्माना लगा है। यूरोपीय आयोग ने फ़ैसला दिया कि आयरलैंड एप्पल से 13 अरब यूरो यानी क़रीब 96 हज़ार करोड़ रुपए टैक्स की वसूली करे।

तीन साल की गहन जांच के बाद यूरोपीय आयोग ने फ़ैसला दिया कि एप्पल को जो टैक्स नियमों के तहत फ़ायदे मिले थे वो अवैध हैं। एप्पल के लिए 13 अरब यूरो की ‘भरपाई’ ख़ासा मंहगा होगा।

लेकिन आज की तारीख़ में कौन यह दावे के साथ कह सकता कि एप्पल को यह टैक्स भरना ही पड़ेगा। हो सकता है इस मामले में सही तरीक़े से की गई अपील कुछ कारगर हो। सरकार और आम नागरिक दोनों मानते रहे हैं कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपना टैक्स देना चाहिए। इस लिहाज़ से बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सरकार के बीच संघर्ष के लिए यह बहुत अहम पल है।

यह सच है कि एप्पल टैक्स मामले ने संबंधित सरकारों के बीच कोई एकता पैदा नहीं की है। लेकिन इसके बावजूद एक हद तक इन सरकारों के बीच के कुछ साझे उद्देश्य तो उभरकर सामने आ ही गए हैं।

एक तरफ़ अमरीका एप्पल को लेकर यूरोपीय यूनियन के व्यवहार से नाराज़ तो है लेकिन इसके बावजूद वह कुछ मसलों पर सहमत भी है। टैक्स मामला इस बात की भी पुष्टि करता दिखाई देता है कि इन देशों के नागरिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कुछ अमीरज़ादों के कुटिल व्यवहार से ख़फ़ा हो चुके हैं।