एफ डी आई की इजाज़त से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा

पटना, १९ सितंबर ( पी टी आई) साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर अरूण शौरी ने मल्टी ब्रांड रीटेल शोबा में 51 फ़ीसद ग़ैरमुल्की रास्त सरमाया कारी ( निवेश) की इजाज़त देने यू पी ए हुकूमत के फ़ैसले की ताईद की है। उन्होंने कहा कि इस इक़दाम से मुक़ामी ताजरीन ( स्थानीय ब्यापारी) को ना ज़्यादा फ़ायदा होगा और ग़ैरमुल्की ताजरीन ( विदेशी ब्यापारी) को ज़्यादा नुक़्सान होगा।

साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर टेलीकॉम-ओ-निजी कारी अरूण शौरी ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और अदित्य बिरला ग्रुप जब रीटेल शोबा में दाख़िल हुए तब भी ऐसी ही तशवीश का इज़हार किया गया था लेकिन छोटे ताजरीन ( ब्यापारी) को अपनी तिजारत ( ब्यापार) से महरूम नहीं होना पड़ा।

इस के इलावा इन दो हिंदूस्तानी रीटेल कंपनीयों को ग़ैरमामूली फ़ायदा भी नहीं हुआ। एक और कंपनी फ्यूचर ग्रुप को तक़रीबन 5 हज़ार करोड़ रुपय का ख़सारा ( नुकसान) बर्दाश्त करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अग्रवाल मार्रि्टस हिंदूस्तान में दाख़िल होते हैं तो इस से मुक़ामी ताजरीन पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा।

कोयला बलॉक तख़सीस के बारे में अरूण शौरी ने कहा कि बे क़ाईदगियों ( के ताल्लुक़ से सी ए जी रिपोर्ट ही काफ़ी है लेकिन उन्होंने सरकारी ख़ज़ाना को 1.86 लाख करोड़ रुपय के ख़सारा ( नुकसान) के तजज़िया (विभाजन) से इत्तिफ़ाक़ ( एक राय/सहमति) नहीं किया।