बड़ी अपोज़ीशन जमातों में से बी जे पी और बाएं बाज़ू की पार्टियों के इसरार के पस-ए-मंज़र में रीटेल शोबा में एफ डी आई के मसले पर , मुबाहिस के लिए वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमूर कमल नाथ ने पीर को दोनों एवान के कुलजमाती क़ाइदीन का एक इजलास तलब किया है,
ताकि इस मसले पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ किया जा सके।
वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमूर ने राज्य सभा की बिज़नस एडवाइज़री कमेटी को मतला किया कि उन्होंने पीर को कुल जमाती बैठक तलब किया है । उन्होंने बताया कि वो लोक सभा में तमाम जमातों के क़ाइदीन से भी मुलाक़ात करेंगे और इसके बाद एफ डी आई मसले पर क़तई मौक़िफ़ इख़तियार किया जाएगा।
सी पी आई एम लीडर सीताराम यचोरी ने ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सभा की एडवाइज़री कमेटी ने वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमूर ने हमें इस बारे में मतला किया है। सी पी आई लीडर डी राजा ने भी कहा कि कमल नाथ ने बिज़नस एडवाइज़री कमेटी को यक़ीन दहानी कराई है की वो पीर को तमाम जमातों के क़ाइदीन से मुलाक़ात कररहे हैं।
ताहम यचोरी ने वाज़िह किया कि बाएं बाज़ू जमातें अपने मौक़िफ़ पर कोई समझौता नहीं करेंगी। उन्होंने मल्टी ब्रांड रीटेल शोबा को ग़ैरमुल्की सरमायाकारी केलिए खोल दिए जाने के मसले पर खुले मुबाहिस का मांग किया और कहाकि उसे क़ाये के तहत ये मुबाहिस होने चाहीए जिसमें रायदही ज़रूरी होती है।
बाएं बाज़ू जमातों ने पहले ही लोक सभा में क़ायदा 184 और राज्य सभा में क़ायदा 168 के तहत नोटिस दे दी है। उन्होंने इस मसले पर हुकूमत के फ़ैसले को नामंज़ूर करने की ख़ाहिश की। इन दोनों क़ाईदों के तहत मुबाहिस के बाद राय दही ज़रूरी होती है।
सीताराम यचोरी ने हुकूमत पर लोक सभा और राज्य सभा में बिलतर्तीब उस वक़्त के वज़ीरफ़ीनानस प्रणब मुकर्जी और वज़ीर कॉमर्स आनंद शर्मा के पिछ्ले साल दिए गए तीक़न की ख़िलाफ़वरज़ी का इल्ज़ाम आइद किया।
उन्होंने कहा था कि रीटेल शोबा में एफ डी आई पर अमलावरी का फ़ैसला तमाम फ़रीक़ैन बिशमोल सयासी जमातों और रियास्ती हुकूमतों से मुशावरत के बाद ही किया जाएगा।
इस पस-ए-मंज़र में उन्होंने कहा कि सी पी आई एम अरकान-ए-पार्लीमैंट ने आनंद शर्मा के ख़िलाफ़ मुरात शिकनी की नोटिस भी पेश की है क्योंकि उन्होंने हुकूमत की तरफ से जो यक़ीन दहानी कराई थी उस की ख़िलाफ़वरज़ी की है।
उन्होंने ये भी कहा था कि हुकूमत ने इत्तेफ़ाक़ राय तक रीटेल शोबा में 51 फ़ीसद एफ डी आई की इजाज़त का फ़ैसला मुअत्तल रखा है और कहा था कि तमाम फ़रीक़ैन से मुशावरत और इत्तेफ़ाक़ राय के बाद ही फ़ैसला किया जाएगा।