एमपी के मंत्री ने 700 दुल्हनों को बांटे बैट, कहा शराबी पति को इससे पीट देना

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के एक मंत्री ने 700 नवविवाहित दुल्हनों को बैट तोहफे के रूप में दिए हैं और इनको शराबी पति से निपटने के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए आग्रह किया है।

 

 

 

अवसर था मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 21 जोड़ों के निकाह सहित 700 कन्याओं का सामूहिक विवाह कार्यक्रम। समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने सभी जोड़ों को नशामुक्ति की शपथ भी दिलाई।

 

 

 

यह विशेष बैट लॉन्ड्री में कपडे धोने के काम आते हैं। मंत्री ने कहा कि वे शराबी पतियों को इन बैट से मारे और पुलिस कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। लकड़ी के इन बैट पर ‘शराबियों के सुटारा हेतु भेंट’ लिखा गया है।

 

 

 

 

भार्गव ने बताया कि वे ग्रामीण महिलाओं की दुर्दशा पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं जो अपने शराबी पतियों से पीड़ित हैं। महिलाओं का कहना है कि जब भी उनके पति नशे में उनको मारते हैं वे हिंसक हो जाते हैं।

 

 

 

उनका महिलाओं को भड़काने या उन्हें हिंसा करने के लिए उकसाए जाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन बल्ला ऐसी हिंसा को रोकने के लिए है। इस सामूहिक विवाह समारोह का यह 16वां वर्ष है, जिसमें 21 मुस्लिम कन्याओं के निकाह मौलवियों द्वारा एवं हिंदू समाज की विभिन्न् जातियों की कन्या के विवाह वैदिक परंपरा से हो रहे हैं।

 

 

 

 

मंत्री ने नवविवाहित वधुओं को वितरण के लिए लगभग 10,000 बैट का आर्डर दिया है। हाल ही के वर्षों में कई भारतीय राज्यों ने शराब पर रोक के लिए आवाज उठी है। पिछले साल तमिलनाडु सरकार ने चुनाव जीतने के लिए अपने अभियान के रूप में शराब निषेध करने की कसम खाई थी जो महिलाओं मतदाताओं में लोकप्रिय हुई।

 

 

 

 

केरल राज्य ने 2014 से अधिकांश होटलों में अल्कोहल की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। बिहार राज्य ने पिछले साल शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाया जबकि पश्चिमी गुजरात ने दशकों से इस पर रोक लगा रखी है।