हैदराबाद 31 जुलाई तेलंगाना में ख़ानगी मेडिकल कॉलेजस, मैनेजमेंट कोटा के तहत हर साल एमबी बी एस की नशिस्तें मनमानी फ़रोख़त कररहे हैं।
मेडिकल की एक नशिस्त 75 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक फ़रोख़त की जा रही है। पाँच साल एमबी बी एस कोर्स के लिए एन आर आई कोटा के तहत इस साल 1.25 करोड़ रुपये वसूल किए जा रहे हैं।
कन्वीनर कोटा की नशिस्तों के लिए चहारशंबा से कौंसलिंग का आग़ाज़ होचुका है जबकि मैमेजमेंट कोटा के तहत अगस्त के दूसरे हफ़्ते में कौंसलिंग होगी। रियासत में जुमला 18 मेडिकल और डेंटल कॉलेजस हैं , इन में 5 मेडिकल कॉलेजस , उस्मानिया मेडिकल कॉलेज हैदराबाद, गांधी मेडिकल कॉलेज सिकंदराबाद, काकतीय मेडिकल कॉलेज वरंगल, निज़ामबाद मेडिकल कॉलेज और राजीव गांधी इंस्टीटियूट आफ़ मेडिकल साईंस आदिलाबाद रियासती हुकूमत के ज़ेरे इंतेज़ाम है।
माबाकी 10 मेडिकल कॉलेजस, ख़ानगी इंतेज़ामीया के तहत चलाए जा रहे हैं और दुसरे मेडिकल कॉलेजस अक़लियती इदारों की तरफ से क़ायम किए गए हैं। इन में दक्कन मेडिकल कॉलेज को 150 नशिस्तें हैं और शादां मेडिकल कॉलेज को 100 नशिस्तें दी गई हैं जबकि वि आर के मेडिकल कॉलेज को सियासी तक़ाज़ों के बाइस मंसूख़ कर दिया गया है। इन तमाम कॉलेजस में जुमला 2,600 मेडिकल नशिस्तें हैं, इन में से 1,750 नशिस्तें ख़ानगी मेडिकल कॉलेजस के लिए हैं।
ख़ानगी मेडिकल कॉलेजस की नशिस्तों को तीन ज़मरों में तक़सीम किया गया है। ज़मुरा ए में 50 फ़ीसद नशिस्तें मेरिट तलबा को दी जाती हैं जो एमसेट के रैंक के मुताबिक़ दाख़िला दिया जाता है।
ज़मुरा बी में मैनेजमंट कोटा के तहत 35% नशिस्तें मुक़र्रर की गई हैं। इन नशिस्तों को भी इन कॉलेजों की तरफ से अलाहिदा मुनाक़िदा एंट्रेंस टेस्ट की असास पर मेरिट लिस्ट के मुताबिक़ दाख़िला दिया जाता है।
ज़मुरा सी में 15% नशिस्तें रखी गई हैं जो मेरिट की बुनियाद पर एन आर आई तलबा को अलॉट की जाती हैं। पिछ्ले साल तक ख़ानगी मैडिकल कॉलेजों में नशिस्तों के लिए चार ज़ुमरे मुक़र्रर थे।
हुकूमत के अहकामात के मुताबिक़ ख़ानगी कॉलेजस को अपने तौर पर एंट्रेंस टेस्ट कराने की इजाज़त दी गई है। हुकूमत की तरफ से तशकील करदा एडमीशन ऐंड फ़्री रेगूलेटरी कमेटी के मुक़र्रर करदा उसूलों के मुताबिक़ मैनेजमेंट कोटा के तहत ख़ानगी कॉलेजस को फ़ी तालिब-ए-इल्म सालाना 9 लाख रुपये और एन आर आई कोटा के तहत सालाना 11 लाख रुपये लेने की इजाज़त है, लेकिन ये ख़ानगी कॉलेजस मनमानी फ़ीस वसूल करते हुए एक मेडिकल नशिस्त के लिए 75 लाख रुपये ता एक करोड़ रुपये वसूल कररहे हैं।
इस तरह एक ख़ानगी मेडिकल कॉलेज सालाना ज़ाइद अज़ 500 करोड़ रुपये हासिल करता है। ख़ानगी मेडिकल और डेंटल कॉलेजस के सदर सी लक्ष्मी नरसिम्हा राव ने इस सिलसिले में कोई तबसरा करने से इनकार कर दिया।