एमयू के साबिक़ वीसी व प्रिन्सिपल गिरफ्तार, निगरानी का छापा

निगरानी महकमा ने मगध यूनिवेर्सिटी (एमयू) में 2012 में हुए 12 फर्जी प्रिन्सिपल तकर्रुरी घोटाला मामले के अहम मुल्ज़िम व किंगपिन साबिक़ कुलपति प्रो. अरुण कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पूरे मामले के पांच मास्टरमाइंड में शामिल प्रो. प्रवीण कुमार भी निगरानी के हत्थे चढ़ गया। फर्जी तरीके से प्रिन्सिपल बने प्रो. कुमार मौजूदा में बख्तियारपुर के आरएलएस कॉलेज में तैनात थे। निगरानी ने जुमा की अहले सुबह दोनों को पटना वाकेय उनके रिहाईशगाह से गिरफ्तार किया।

इसके अलावा पटना और गया में कई मुकाम पर निगरानी की टीम ने छापेमारी की, लेकिन दीगर 23 मुल्ज़िम में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। गिरफ्तार मुल्ज़िम को निगरानी की खुसुसि अदालत में दोपहर में पेश किया गया, जहां से अदालत ने उन्हें 19 जून तक के लिए जेल भेज दिया .गया। निगरानी की इस टीम की कियादत एएसपी सुशील कुमार कर रहे थे।

दोनों की गिरफ्तारी के बाद निगरानी की टीम ने इस पूरे मामले के तीन दीगर अहम मास्टर माइंड को पकड़ने के लिए जोरदार सर्च शुरू कर दिया है। इसमें मगध विवि के साबिक़ रजिस्ट्रार डीके यादव, मीटिंग ऑफिसर शमसुल इस्लाम और बाढ़ के ए एन एस कॉलेज के प्रिन्सिपल प्रो. एस पी शाही शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रो. शाही ने अपने सीनियरों की गिरफ्तारी की इत्तिला पाकर सीवान जिले के मैरवा एक शादी को अटेंड करने भाग गये हैं। साथ ही वे गिरफ्तारी के डर से किसी दूसरी जगह भागने की फिराक में हैं। जबकि डीके यादव आगरा की तरफ भाग गये हैं। अब निगरानी इन मुल्ज़िम को दूसरे मुकाम से गिरफ्तार करके लाने की जुगत में लग गयी है।