एम्पायर के फ़ैसले पर नज़र-ए-सानी के असरी सिस्टम पर तनाज़ा

क्रिकेट में एम्पायर के फ़ैसले पर नज़र-ए-सानी के सिस्टम (डी आर एस)के इस्तिमाल पर कई हलक़ों की जानिब से सवाल उठाया जाता रहा है।

इंगलैंड के जेम्स एंडरसन ने कहा कि एशज़ सीरीज़ में कई मुतनाज़ा(विवादित) फ़ैसलों के बाद एम्पायर के डी आर एस में कुछ‌ तबदीली ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि अहम मौके पर इस सिस्टम की ख़राबी से ये ख्याल‌ उभर रहा है कि सही वक़्त पर ग़लत फ़ैसला होरहा है।

इसका असर दोनों टीमों पर मुरत्तिब(लागू) होता है। उन्होंने कहा कि टैक्नोलोजी के इस्तिमाल से दोनों तरफ़ के खिलाड़ी मायूसी का शिकार होरहे हैं चुनांचे इस सिस्टम में बेहतरी लाना ज़रूरी है। एशज़ सीरीज़ में उसमान ख़्वाजा को ग़लत आउट देने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के साबिक़ कप्तान इस्टीव वा ने कहा कि मौजूदा एम्पायरस की कारकर्दगी देखते हुए उन्हें डी आर उसका इस्तिमाल बेहतर लगता है।

ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर उसमान ख़्वाजा को ओलड ट्रीफ़ोर्ड टेस्ट के पहले दिन एम्पायर टोनी हिल ने ग्रीम स्वान की गेंद पर आउट क़रार दिया था। ऑस्ट्रेलवी बैटस्मेन ने रैफरल मांगा तो थर्ड एम्पायर कुमार धर्मा सेना ने भी उन्हें आउट क़रार दिया।इस वाक़िया पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने आई सी सी से शदीद एहतिजाज किया लेकिन साबिक़ ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीववा डी आर उसके हक़ में हैं।

उन्होंने कहा कि डी आर एस में गलतियां होसकती हैं,लेकिन ये सिस्टम एम्पायरिंग से बेहतर है ,टैक्नोलोजी बेहतर बना कर ग़लतियों पर क़ाबू पाया जा सकता है। वाज़ह रहे कि एम्पायर के फ़ैसले पर नज़र-ए-सानी का असरी टैक्नोलोजी पर टीकी ये सिस्टम टेस्ट क्रिकेट में पहली मर्तबा 24 नवम्बर 2009-ए-में न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान के बीच‌ खेले गए टेस्ट मैच में इस्तिमाल किया गया।

आई सी सी ने डी आर एस को तमाम इंटरनेशनल मैचस् में लाज़िमी क़रार दिया था लेकिन बाद में ये शर्त ख़त्म करदी गई। दोनों टीमें बाहमी इत्तिफ़ाक़ राय से डी आर एस का इस्तिमाल कर सकती हैं।