सरकार ने ‘एयर इंडिया’ के दीर्घावधि उधार के हिस्से को इक्विटी में बदलने या एयरलाइन के निजीकरण के किसी भी प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।
सरकार ‘एयर इंडिया’ में बैंको को रणनीतिक निवेशकों के रूप में शामिल करने या एयरलाइन का निजीकरण करने पर विचार नहीं कर रही है, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ‘जयंत सिन्हा’ ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया।
इससे पहले, मीडिया के एक हिस्से ने बताया था कि ‘एयर इंडिया’ ने बैंकों को अपने लंबी अवधि के 9000 करोड़ रुपये के ऋण को ‘तनावग्रस्त संपत्तियों (एस 4 ए) के सतत ढांचे के लिए बनायीं गयी योजना’ के ज़रिये पुनर्स्थापित करने को कहा था।
एयरलाइन की टर्नअराउंड योजना के तहत, मंत्री ने बताया कि आज तक 24,723.74 करोड़ रुपये ‘एयर इंडिया’ को इक्विटी समर्थन के रूप दिए जा चुके हैं।
सरकार की सहायता के साथ और इस योजना के तहत ‘एयर इंडिया’ ने अपनी लागत और घाटे में कटौती करने के लिए कई कदम उठाए हैं, मंत्री ने बताया।