एयर इंडिया को बोहरान से बचाने 6,500 करोड़ रुपये का मालीयाती पैकेज

वोज़ारत-ए-शहरी हवा बाज़ी एयर इंडिया के अहया (revival) के लिए 6500 करोड़ रुपये सरमाया फ़राहम करने के लिए आइन्दा हफ़्ता काबीना से रुजू होगी।वज़ीर शहरी हवा बाज़ी अजीत सिंह ने कहा कि ये पैकेज ग़ैर मुअय्यना मुद्दत के लिए नहीं होगा जिस के बर अक्स एयर लाईन्ज़ को ख़ुद अपनी कारकर्दगी बेहतर बनानी होगी। इस दौरान बोइंग ने तय्यारे की हवालगी में ताख़ीर के लिए 500 मलियन डॉलर्स की रक़म बतौर मुआवज़ा अदा करने से इत्तिफ़ाक़ किया है।

अजीत सिंह ने कहा कि जहां तक एयर इंडिया के मालीयाती दबाव का सवाल है इस पर हमें काफ़ी तशवीश है और हम इस मक़सद के लिए एक पैकेज तैय्यार कर रहे हैं जिस में 6500 करोड़ रुपये का सरमाया भी शामिल है। उन्हों ने बताया कि ये मुआमला आइन्दा हफ़्ता काबीना से रुजू किया जाएगा और साथ ही साथ ड्रीम लाइनरस की ख़रीदी के लिए काबीना की क़तई इजाज़त भी हासिल की जाएगी।

इंडिया एवीशन 2012- -शो के मौक़ा पर प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए अजीत सिंह ने कहा कि हुकूमत की जानिब से एयर इंडिया को आइन्दा कभी माली बोहरान से बाहर निकालने का इमकान नहीं है, अगर एयर लाईन्ज़ अपनी कारकर्दगी को बेहतर नहीं बना पाती है तो इस का ख़मयाज़ा उसे भुगतना होगा क्यों कि हमारा ये पैकेज ग़ैर मुअय्यना मुद्दत के लिए नहीं है।

बोइंग की जानिब से ड्रीम लाइनर की फ़राहमी में ताख़ीर पर मुआवज़ा की अदायगी पर तबसरा करते हुए जवाइंट सिक्रेटरी वज़ारत शहरी हवाबाज़ी प्रशांत शुक्ला ने कहा कि एयर इंडिया ने एक बिलीयन डॉलर्स का मुआवज़ा तलब किया था लेकिन बोइंग ने 500 मलियन डॉलर्स की रक़म मुआवज़ा के तौर पर अदा करने से इत्तिफ़ाक़ किया है। उन्हों ने कहा कि हुकूमत ये कोशिश कर रही है कि बोइंग को मज़ीद रक़म की अदायगी के लिएर ज़ामंद किया जा सके।

उन्हों ने बतायाकि मुआवज़ा पैकेज ख़िदमात में कटौती और नक़द दोनों सूरतों में होगा।सरकारी एयर इंडिया ने बोइंग 787 ड्रीम लाइनरस की फ़राहमी में ताख़ीर पर अमरीकी तय्यारा साज़ कंपनी से मुआवज़ा तलब किया था।एयर इंडिया ने 13 बिलीयन डॉलर्स से ज़ाइद रक़म की सरमाया कारी करते हुए 111 तय्यारों का आर्डर दिया था जिन में एयर बस और बोइंग तय्यारे शामिल हैं।

एयर इंडिया ने 2006- -में ये आर्डर दिया था लेकिन मुक़र्ररा वक़्त तक कंपनी तय्यारे फ़राहम करने में नाकाम रही। शैडूल के मुताबिक़ बोइंग तय्यारे सेपटमबर 2008- से फ़राहम किए जाने चाहीए थे। सरकारी आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ क़र्ज़ के बोहरान से दो-चार एयर इंडिया के बक़ायाजात और क़र्ज़ की रक़म 67,520 करोड़ रुपये है।

इस दौरान वज़ीर शहरी हवाबाज़ी अजीत सिंह ने कहा कि एशियाई इलाक़े में हिंदूस्तानी और चीन की मार्किटस में ग़ैरमामूली रसद के बाइस हवा बाज़ी की सनअत को ग़ैर मामूली फ़रोग़ हासिल होगा। 2011में ये शोबा ईंधन की क़ीमतों में इज़ाफ़ा और योरोपी क़र्ज़ बोहरान की वजह से बुरी तरह मुतास्सिर रहा। उन्हों ने कहा कि साल 2011- आलमी मईशत के लिए काफ़ी दुशवार कुन था, इस के असरात हवा बाज़ी की सनअत पर भी मुरत्तिब हुए।

उन्हों ने कहा कि साल 2012- -में मार्किट तख़मीनों के मुताबिक़ यूरोपियन एयर लाईन्ज़ को काफ़ी दुशवारीयों का सामना करने पड़ेगा। ताहम एशीया पीसफ़ीक ख़ित्ता में ये सूरत-ए-हाल बरअक्स होगी क्यों कि यहां हिंदूस्तान और चीन की मार्किटस तेज़ी से वुसअत पा रही हैं। उन्हों ने बताया कि हिंदूस्तान 2020–तक दुनिया में तेज़ी से उभरने वाली शहरी हवाबाज़ी की मार्किट बन जाएगा,

और ये दुनिया की सर-ए-फ़हरिस्त तीन मार्किटस में एक होगा जहां 2010- में 140 मिलियन के बरअक्स 420 मिलियन मुसाफ़ेरीन की आमद-ओ-रफ़्त होगी।आज मर्कज़ी वज़ीर शहरी हवाबाज़ी अजीत सिंह ने बेगम पेट अर पोर्ट पर इंडिया एवीशन 2012 -। इंटरनैशनल सिविल एवीशन अएगज़बीशन ऐंड कान्फ़्रैंस का इफ़्तिताह किया।

इस मौक़ा पर मर्कज़ी वज़ीर पैट्रोलीयम-ओ-क़ुदरती ग़ियास ऐस जुए पाल रेड्डी और चीफ़ मिनिस्टर मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी भी मौजूद थे। इस नुमाइश में यूरो कापटर, अगसटा वैस्ट लैंड, सुकुरू सकी और बेल जैसे हैली कापटरस के इलावा हमा इक़साम के तय्यारे नुमाइश में रखे गए हैं। ये नुमाइश 17और 18 मार्च को अवामुन्नास (पबलिक)के लिए खुली रहेगी।