एयर इंडिया पायलेट्स दानिस्ता तौर पर अदालत की हुक्म उदूली नहीं कर सकते

एयर इंडिया के हड़ताली पायलेट्स पर शदीद तन्क़ीद करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने आज कहा कि वो दानिस्ता और उम्दन अदालती अहकामात की ख़िलाफ़वर्ज़ी नहीं कर सकते। उन्हें अपनी गै़रक़ानूनी हड़ताल ख़तम करनी होगी और उन्हें तहक़ीर अदालत की
कार्यवाई का सामना करना पड़ सकता है।

इंडियन पायलेट्स गिल्ड (आई पी जी) की दरख़ास्त मुस्तर्द करते हुए कहा कि हमारी नज़र में कोई भी मसला अदालत के अहकामात की दानिस्ता तौर पर ख़िलाफ़वर्ज़ी करते हुए हल नहीं किया जा सकता। आई पी जी ने अदालत से रुजू होते हुए 9 मई को सिंगल जज के सुनाए गए हुक्म को चैलेंज किया था जिस में इस हड़ताल को गै़रक़ानूनी क़रार दिया गया था।

गिल्ड ने कहा कि किसी अथॉरीटी के बगै़र ये फ़ैसला सुनाया गया। जस्टिस किशन कोल और जस्टिस राजीव सकधर पर मुश्तमिल बंच ने कहा कि हड़ताली पायलटस के ख़िलाफ़ तहक़ीर अदालत की कार्रवाई की जा सकती। बंच ने कहा कि हम आप के ख़िलाफ़ रास्त तहक़ीर अदालत की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं लेकिन ये फ़ैसला सिंगल जज पर ही छोड़ा जा रहा है इस लिए बेहतर ये है कि आप हक़ायक़ को मल्हूज़ रखें।

इस दौरान एयर इंडिया ने आज कहा कि इंडियन पायलेट्स गिल्ड से ताल्लुक़ रखने वाले पायलेटों के एक ग्रुप की तरफ़ से जारी एहतिजाज के बावजूद उस की घरेलू परवाज़ों पर कोई असर नहीं पड़ा। एयर इंडिया ने कल भी 70 फ़ीसद (प्रतिशत) से ज़्यादा परवाज़ें औसतन चलाईं और अपने नेटवर्क पर मुख़्तलिफ़ मंज़िलों के लिए 384 परवाज़ों का इंतेज़ाम किया।

एयर इंडिया बैन-उल-अक़वामी ( अंतर्राष्ट्रीय) मुसाफ़िरों को पेश आने वाली मुश्किलात कम से कम करने के लिए इस ने 16 मई से 20 मई तक के लिए एक हंगामी शैड्यूल का ऐलान किया है। जिस के तहत दिल्ली पैरिस, न्यूयार्क, दिल्ली फ़्रैंकफ़र्ट शिकागो, दिल्ली लंदन बोइंग तैय्यारों (विमानों) की रिटर्न परवाज़ों का एहतेमाम किया गया है।

एयर इंडिया मुलाज़मीन के ख़िलाफ़ वीजलनेस मुक़द्दमात में ये इन्केशाफ़ हुआ है कि कई मुलाज़मीन शराब की चोरी और रुकमी फ़वाइद ( फायदे) के लिए दूसरे तैय्यारों ( विमान) में परवाज़ के इलावा जाली हाज़िरी, ओवर टाइम और एलाउंसेस के मुआमले में बेशुमार बे क़ाईदगियों में मुलव्वस ( मिले हुए हैं) हैं। एक तरफ़ एयर इंडिया मआशी बोहरान से दो-चार है और दूसरी तरफ़ मुलाज़मीन का ये रवैय्या मसाएल (समस्या) में मज़ीद इज़ाफ़ा की वजह बन रहा है।

वीजिल्नेस डिपार्टमेंट ने गुज़श्ता ( गुजरे) तीन साल के दौरान ऐसे 161 वाक़ियात का पता चलाया है